PTM मुद्दे पर हर्षवर्द्धन का सिसोदिया पर पलटवार, कहा- नहीं चाहिए उनसे प्रमाणपत्र
दिल्ली सरकार के विद्यालयों में ‘अभिभावक-शिक्षक’ बैठक मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री हर्षवर्द्धन ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें मनीष सिसोदिया से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। इससे पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने टिप्प्णी की थी कि पीटीएम रद्द कराने की कोशिश को लेकर केंद्रीय मंत्री हर्षवर्द्धन को शर्म आनी चाहिए।
नयी दिल्ली। दिल्ली सरकार के विद्यालयों में ‘अभिभावक-शिक्षक’ बैठक (पीटीएम) मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री हर्षवर्द्धन ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें मनीष सिसोदिया से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। इससे पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने टिप्प्णी की थी कि पीटीएम रद्द कराने की कोशिश को लेकर केंद्रीय मंत्री हर्षवर्द्धन को शर्म आनी चाहिए। खबरों के अनुसार हर्षवर्द्धन ने चार जनवरी को दिल्ली सरकार के विद्यालयों में निर्धारित पीटीएम को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल को एक पत्र लिखा है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि लोगों के प्रतिवेदनों को संबंधित प्राधिकार के पास भेजना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम ईमानदारी से काम करने में यकीन करते हैं और हमें सिसोदिया से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। मैं दिल्ली में शिक्षा मंत्री रहा हूं और शिक्षा क्षेत्र मुझे अच्छी तरह जानता है।’’ सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह कुंठित हो गयी है क्योंकि उसे पता है कि आने वाले समय में उसकी क्या स्थिति होगी । उन्होंने कहा कि अगले एक महीने में उसके नेताओं के और ऐसे बयान आयेंगे।
हर्षवर्द्धन ने स्पष्ट किया कि दिल्ली सरकार के विद्यालयों के शिक्षक संघ के प्रतिनिधि बुधवार को उनसे मिले थे और उन्होंने उन्हें उस प्रतिवेदन की प्रति सौंपी थी जो उन्होंने उपराज्यपाल को दिया था। इस प्रतिवेदन में शिक्षक संघ ने चार जनवरी को निर्धारित पीटीएम को लेकर चिंता प्रकट की थी क्योंकि अधिकतर उत्तरी राज्यों में ठंड के चलते विद्यालय बंद कर दिये गये हैं।
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे बच्चों को ठंड की वजह से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को लेकर बैठक स्थगित कराने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनके प्रतिवेदन को इस अनुरोध के साथ उपराज्यपाल के पास भेज दिया कि इस पर गौर किया जाए और उपयुक्त कार्रवाई की जाए। यह कोई नयी बात नहीं है। मैं उन सारे अनुरोधों को संबंधित प्राधिकार के पास भेजता हूं जो मेरे पास आते हैं और मैं पिछले 25 सालों से ऐसा करता आ रहा हूं। लोगों के प्रतिवेदनों को उपयुक्त व्यक्ति के पास भेजना मेरी जिम्मेदारी है। ’’
उससे पहले दिन में सिसोदिया ने कहा था, ‘‘हर्षवर्द्धन जी, आपने दिल्ली सरकार के विद्यालयों में अभिभावक -शिक्षक बैठक को रद्द करने के लिए उपराज्यपाल को पत्र लिखने की साहस कैसे की। आपको शर्म आनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा था कि बैठक होगी और आम आदमी पार्टी भाजपा को उसे रद्द नहीं करने देगी।
.@msisodia जी आप शिक्षा मंत्री हैं, शिक्षा के मालिक नहीं!
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) January 2, 2020
मैं @AamAadmiParty की संस्कृति व उसकी भाषा का प्रयोग नहीं कर सकता।लोगों की समस्याओं को सही जगह तक पहुंचाना मेरी ज़िम्मेदारी है।वोट की खातिर आप बौखला गए हैं,घबरा गए हैं,परेशान हैं !#JhoothiAAPSarkar @PMOIndia @BJP4Delhi pic.twitter.com/2a8t7DHA2Y
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