बेअदबी के खिलाफ कानून बनाने की तैयारी में पंजाब सरकार, जल्द बुलाया जा सकता है विधानसभा का विशेष सत्र

मान ने दोहराया कि राज्य सरकार बेअदबी की घटनाओं के अपराधियों को कड़ी सज़ा दिलाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार एक मज़बूत राज्य कानून बनाने के लिए अग्रणी कानूनी विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करेगी, जो अपराधियों को ऐसे जघन्य अपराधों के लिए मृत्युदंड की संभावना सहित सख्त नतीजों से बचने से रोकेगा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार बेअदबी के कृत्यों के लिए कड़ी सजा सुनिश्चित करने के लिए एक कानून पेश करेगी। अपने सरकारी आवास पर अधिकारियों और सर्ब धर्म बेअदबी रोको कानून मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम ने कहा कि पंजाब महान गुरुओं, संतों और द्रष्टाओं की पवित्र भूमि है जिन्होंने आपसी प्रेम और सहिष्णुता का मार्ग दिखाया है। यह बहुत गर्व की बात है कि पंजाब समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के अनूठे मिश्रण के साथ-साथ सांप्रदायिक सद्भाव, शांति और भाईचारे का प्रतीक है।
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मान ने दोहराया कि राज्य सरकार बेअदबी की घटनाओं के अपराधियों को कड़ी सज़ा दिलाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार एक मज़बूत राज्य कानून बनाने के लिए अग्रणी कानूनी विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करेगी, जो अपराधियों को ऐसे जघन्य अपराधों के लिए मृत्युदंड की संभावना सहित सख्त नतीजों से बचने से रोकेगा। उन्होंने मौजूदा कानूनी खामियों पर चिंता व्यक्त की जो ऐसे कृत्यों के दोषियों को खुलेआम घूमने की अनुमति देती हैं, इसे पूरी तरह से अनुचित और अस्वीकार्य बताया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कानून का मसौदा तैयार करने में धार्मिक संगठनों सहित सभी हितधारकों से परामर्श करेगी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) धार्मिक स्थलों के बारे में स्पष्ट प्रावधान प्रदान करती है, लेकिन यह पवित्र ग्रंथों पर चुप रहती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि चूंकि यह विषय समवर्ती सूची में आता है, इसलिए राज्य के पास ऐसा कानून बनाने का अधिकार है और इसके अनुसार कानूनी राय ली जाएगी। उन्होंने कहा कि आम जनता की भावनाओं को शांत करने के लिए यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर ली जाएगी और जल्द ही इस मुद्दे पर कैबिनेट की बैठक बुलाई जाएगी। बताया जा रहा है कि 10 और 11 जुलाई को विशेष सत्र बुलाया जा सकता है। कैबिनेट की बैठक जल्द बुलाकर इसे मंजूरी दी जा सकती है।
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