Punjab पुलिस ने कट्टरपंथी उपदेशक Amritpal Singh के खिलाफ कार्रवाई की, 78 समर्थक गिरफ्तार

पंजाब सरकार ने कट्टरपंथी उपदेशक और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह तथा उसके समर्थकों के खिलाफ शनिवार को बड़ी कार्रवाई शुरू की और पुलिस ने सिंह के नेतृत्व वाले एक संगठन के 78 सदस्यों को गिरफ्तार किया। जालंधर जिले में सिंह के काफिले को रोका गया, लेकिन वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। अधिकारियों ने कई स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी और रविवार दोपहर तक राज्य में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी। पुलिस ने बताया कि उसने सिंह के नेतृत्व वाले ‘वारिस पंजाब दे’ (डब्ल्यूपीडी) से जुड़े लोगों के खिलाफ ‘बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी घेराबंदी और तलाशी अभियान (सीएएसओ)’ शुरू किया है।
सिंह के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। पुलिस के अनुसार, अभियान के दौरान अब तक कुल 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कई अन्य को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि अमृतपाल सिंह और कुछ अन्य फरार हैं तथा उन्हें पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया गया है। वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह के कुछ समर्थकों ने सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो साझा कर दावा किया कि पुलिसकर्मी उनका पीछा कर रहे हैं।
एक वीडियो में अमृतपाल एक वाहन में बैठा भी देखा जा सकता है और उसके एक सहयोगी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि पुलिसकर्मी भाई साहब (अमृतपाल) के पीछे पड़े हैं। पुलिस ने कहा कि राज्यव्यापी अभियान के दौरान अब तक .315 बोर की एक राइफल, 12 बोर की सात राइफल, एक रिवॉल्वर और 373 कारतूस सहित नौ हथियार बरामद किए गए हैं। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि डब्ल्यूपीडी से जुड़े लोग विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिसकर्मियों पर हमले और लोक सेवकों के कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित चार आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को अजनाला थाने पर हमले के लिए डब्ल्यूपीडी तत्वों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पिछले महीने, अमृतपाल और उसके समर्थकों ने तलवारें और बंदूकें लहराते हुए बैरिकेड्स को तोड़ दिया और अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में अजनाला थाना में घुस गए। वे सभी अमृतपाल के एक सहयोगी की रिहाई की मांग कर रहे थे। इस घटना में एक पुलिस अधीक्षक सहित छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। घटना के बाद राज्य में आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था और उस पर चरमपंथियों के सामने झुकने का आरोप लगाया गया था।
अभियान के लिए अमृतपाल सिंह के पैतृक गांव अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव के पास सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है। दुबई में रह चुके अमृतपाल सिंह को पिछले साल ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख बनाया गया था, जिसकी स्थापना अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू ने की थी। दीप सिद्धू की पिछले साल फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। अधिकारियों ने कहा है कि अमृतपाल सिंह का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और विदेशों में स्थित आतंकवादी समूहों के साथ घनिष्ठ संबंध है।
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को परोक्ष रूप से धमकी दे चुका अमृतपाल पंजाब में हालात को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है और सिख युवाओं को अपने संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ की ओर आकर्षित कर रहा है। इस बीच, पंजाब पुलिस ने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने को कहा। पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सभी नागरिकों से शांति और सद्भाव बनाए रखने का अनुरोध है। पंजाब पुलिस कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम कर रही है। नागरिकों से अनुरोध है कि वे घबराएं नहीं या फर्जी खबरें न फैलाएं।
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