'विवादों की आंधी बन गए हैं राहुल गांधी', अनुराग ठाकुर बोले- विदेशी जमीन से भारत को बदनाम करने का लिया है ठेका
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने साफ तौर पर कहा है कि राहुल गांधी विवादों की आंधी बन गए हैं। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक अनुराग ठाकुर ने कहा कि विदेशी दोस्त, विदेशी एजेंसी या फिर विदशी चैनल हो किसी का भी दुरुपयोग करके भारत को बदनाम करने का वह कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में राहुल गांधी के संबोधन को लेकर देश की राजनीति जबरदस्त तरीके से गर्म है। राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से ही केंद्र सरकार पर जासूसी कराने का आरोप लगा दिया था। इतना ही नहीं, उन्होंने भारतीय लोकतंत्र को लेकर भी कई बड़ी बातें कही थी। इसी को लेकर भाजपा जबरदस्त तरीके से राहुल गांधी पर पलटवार कर रही है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने साफ तौर पर कहा है कि राहुल गांधी विवादों की आंधी बन गए हैं। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक अनुराग ठाकुर ने कहा कि विदेशी दोस्त, विदेशी एजेंसी या फिर विदशी चैनल हो किसी का भी दुरुपयोग करके भारत को बदनाम करने का वह कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
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अनुराग ठाकुर ने साफ तौर पर कहा कि अपनी नाकामी को छिपाने के लिए विदेशी जमीन से राहुल जी ने भारत को बदनाम करने का ठेका लिया है। उनकी भाषा, विचार और कार्यशैली संदेहास्पद है। उन्होंने इसे बार-बार किया है... जब जवान शहीद हुए थे, उन्होंने कहा, कार बम विस्फोट में कुछ लोग मारे गए..।' इससे पहले राहुल गांधी के बयान पर ठाकुर ने कहा था कि पेगासस कहीं और नहीं बल्कि उनके दिमाग में बैठा है... पेगासस पर राहुल गांधी की क्या मजबूरी थी कि उन्होंने अपना फोन जमा नहीं करवाया। उन्होंने और अन्य नेताओं ने अपना फोन क्यों नहीं जमा करवाया। वहीं, राहुल गांधी ने रविवार को एक बार फिर भाजपा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि वह अपनी आलोचनाओं से नहीं डरते हैं और यह ‘साहस तथा कायरता और प्रेम तथा घृणा’ के बीच की लड़ाई है।
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राहुल गांधी ने कहा, ‘‘जितना वह मेरे ऊपर हमला करेंगे, मेरे लिए उतना अच्छा होगा, क्योंकि मैं (उन्हें) उतना बेहतर समझ पाउंगा... यह साहस और कायरता के बीच की लड़ाई है। यह सम्मान और अपमान के बीच की लड़ाई है। यह लड़ाई प्रेम और घृणा के बीच है।’’ तालियों की गूंज के बीच उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने यात्रा के दौरान कहा था: नफरत के बाजार में, हम मोहब्बत की दुकान खोलने आए हैं।’’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें कैंब्रिज विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने के लिए बुलाया गया है और निराशा जताते हुए कहा कि भारतीय राजनेता भारत के विश्वविद्यालयों में यूं खुलकर अपने विचार नहीं रख सकते हैं।
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