Rahul Gandhi बनेंगे Kashmiri Pandits की आवाज, कांग्रेस नेता से मिलकर और उनके वादे सुनकर खुश हुआ पंडित समुदाय

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ANI

प्रवासी कश्मीरी पंडितों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सांबा जिले में मुलाकात की और आतंकवादियों द्वारा लक्षित हत्या किए जाने एवं प्रधानमंत्री पैकेज के तहत रोजगार पाने वाले लोगों द्वारा किए जा रहे विरोध सहित अपने विभिन्न मुद्दों को लेकर उनसे बातचीत की।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ आज सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच सांबा जिले के विजयपुर से जम्मू की तरफ बढ़ी। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पूर्व मंत्री तारिक हामिद कर्रा और जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष जीए मीर के साथ बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने तिरंगा लेकर विजयपुर में जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर राहुल के साथ पदयात्रा की। पदयात्रा सुबह करीब सात बजे शुरू हुई। हम आपको बता दें कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ सोमवार को अपने 129वें दिन में प्रवेश कर गई। यात्रा के दौरान सड़क किनारे खड़े लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने राहुल का उत्साहवर्धन किया।

इस बीच, प्रवासी कश्मीरी पंडितों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सांबा जिले में मुलाकात की और आतंकवादियों द्वारा लक्षित हत्या किए जाने एवं प्रधानमंत्री पैकेज के तहत रोजगार पाने वाले लोगों द्वारा किए जा रहे विरोध सहित अपने विभिन्न मुद्दों को लेकर उनसे बातचीत की। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य एवं सामाजिक कार्यकर्ता अमित कौल ने कहा कि उन्होंने राहुल गांधी को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के पास अपनी जगती बस्ती में आमंत्रित किया है और कश्मीर जाते समय वह रास्ते में कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों से संभवत: मिलने आएंगे। अमित कौल ने कहा, ''राहुल गांधी के साथ हमारी बहुत अच्छी बातचीत हुई और हमने उन्हें समुदाय के मुद्दों, विशेष रूप से प्रधानमंत्री पैकेज के तहत कार्यरत उन कर्मचारियों की समस्याओं के बारे में बताया, जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली पिछली संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार ने नौकरी दी थी। वे पिछले छह महीनों से विरोध कर रहे हैं और उनका वेतन रोक दिया गया है।’’

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हम आपको बता दें कि वर्ष 2008 में घोषित प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत नियुक्त लगभग 4,000 प्रवासी कश्मीरी पंडित घाटी में विभिन्न विभागों में काम कर रहे हैं। इस पैकेज के दो घटक हैं-- समुदाय के युवाओं के लिए छह हजार नौकरियां और भर्ती कर्मचारियों के लिए अधिक से अधिक आवासीय इकाइयां बनाना। हम आपको याद दिला दें कि आतंकवादियों ने पिछले साल 12 मई को बडगाम जिले में राहुल भट नाम के एक कश्मीरी पंडित की उसके कार्यालय के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद कई कर्मचारी जम्मू छोड़ कर चले गए थे। इस घटना को लक्षित हत्या का मामला बताया गया था। कई कर्मचारी उन्हें घाटी से बाहर स्थानांतरित करने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।

अमित कौल ने कहा, ‘‘हमने राहत बढ़ाने की आवश्यकता सहित समुदाय के अन्य मुद्दों को भी उठाया। हमने राहुल गांधी से हमारी बस्ती जगती आने या अपना एक प्रतिनिधिमंडल वहां भेजने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया कि वह स्वयं जगती आएंगे और संसद के भीतर एवं बाहर उनके मुद्दों को उठाएंगे।’’ कश्मीरी पंडित समुदाय के एक अन्य सदस्य जितेंद्र काचरू ने कहा कि वह प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों के साथ राहुल गांधी से मिलने के लिए उत्तर प्रदेश से आए हैं, जहां वह कश्मीर से पलायन करने के बाद बस गए हैं। जितेंद्र काचरू ने भाजपा पर अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए समुदाय का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘वे वास्तव में कश्मीरी पंडितों की समस्याओं को हल नहीं करना चाहते, क्योंकि उनके लिए धर्म के आधार पर नफरत फैलाना एक राजनीतिक एजेंडा है।’’

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