Economic Survey 2022। मोदी सरकार पर राहुल का तंज, उन्हें जनता का दर्द नहीं सिर्फ अपना खजाना दिखता है

rahul gandhi
अंकित सिंह । Jan 31 2022 8:41PM

आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के 8-8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। दूसरी ओर राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुमान के मुताबिक आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रह सकती है।

संसद का आज से बजट सत्र शुरू हो गया है। आज संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र शुरू हुआ है। आज ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में आर्थिक समीक्षा पेश की। आर्थिक समीक्षा में वर्ष 2022-23 के लिए सरकार के बजट से पहले अर्थव्यवस्था की स्थिति का ब्यौरा दिया गया। हालांकि आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। इसी कड़ी में राहुल गांधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर तंज कसा है। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा कि देश की जनता टैक्स वसूली के बोझ से परेशान है जबकि मोदी सरकार के लिए ये टैक्स की कमाई एक बड़ी उपलब्धि है। नज़रिए का अंतर है- उन्हें जनता का दर्द नहीं सिर्फ़ अपना ख़ज़ाना दिखता है।

आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के 8-8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। दूसरी ओर राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुमान के मुताबिक आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रह सकती है। समीक्षा 2021-22 में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति के साथ ही वृद्धि में तेजी लाने के लिए किए जाने वाले सुधारों का ब्योरा दिया गया है। वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी। आर्थिक समीक्षा भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए आपूर्ति-पक्ष के मुद्दों पर केंद्रित है।

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वहीं, कांग्रेस ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को ‘विफलता का भाषण’ करार देते हुए आरोप लगाया कि इसमें कुछ भी नया नहीं था और सरकार द्वारा जो वादे किए गए थे, उनको पूरा करने के संदर्भ में आज कुछ नहीं कहा गया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इस सरकार ने 2022 तक चार करोड़ घर बनाने का वादा किया था, उसका इस अभिभाषण में उल्लेख नहीं है। यह भी कहा था कि किसानों की आय 2022 तक दोगुनी हो जाएगी, इस बारे में कुछ नहीं कहा गया। श्रम से जुड़े काले कानूनों के बारे में भी कुछ नहीं कहा गया। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति बढ़ाने को लेकर जो वादा किया गया था, वो भी नहीं किया। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने ट्वीट किया कि चीन, पाकिस्तान के दोहरे मोर्चे के हालात पर कुछ नहीं कहा गया। नगालैंड में नागरिकों की हत्या के बारे में कोई अफसोस नहीं जताया गया। जम्मू-कश्मीर के पूर्ण रिपीट पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करनी की कोई घोषणा नहीं हुई। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का भारत पर पड़ने वाले असर पर कुछ नहीं कहा गया। कोविड की दूसरी लहर में हुई मौतों को लेकर कोई माफी नहीं मांगी गई। 

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