वित्तीय अनियमितताओं के सिलसिले में आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्राचार्य, सहयोगियों के घर छापेमारी

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एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। घोष के बेलियाघाटा स्थित आवास और हावड़ा तथा सुभाषग्राम में दो स्थानों पर छापेमारी की गई। चारों पहले से ही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने राज्य सरकार द्वारा संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष और उनके तीन सहयोगियों के आवासों पर शुक्रवार को एक साथ तलाशी ली।

एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। घोष के बेलियाघाटा स्थित आवास और हावड़ा तथा सुभाषग्राम में दो स्थानों पर छापेमारी की गई। चारों पहले से ही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में हैं।

अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम सुबह करीब छह बजकर 15 मिनट पर इन स्थानों पर पहुंचे और छापेमारी शुरू की।’’ ईडी ने घोष के खिलाफ प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है, जो आपराधिक मामलों में प्राथमिकी के समान है।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 23 अगस्त को सरकारी अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच को राज्य द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया।

यह फैसला अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली की याचिका के बाद आया, जिन्होंने अनुरोध किया था कि प्राचार्य के रूप में घोष के कार्यकाल में वित्तीय कदाचार के आरोपों की ईडी द्वारा जांच कराने के निर्देश दिए जाएं।

घोष ने फरवरी 2021 से सितंबर 2023 तक प्राचार्य के रूप में कार्य किया। अक्टूबर 2023 में कुछ समय के लिए आरजी कर से उनका तबादला कर दिया गया था, लेकिन एक महीने के भीतर वह वापस आ गये।

डॉ. अली ने चिंता व्यक्त की थी कि आरजी कर अस्पताल में भ्रष्टाचार चिकित्सक की मौत से जुड़ा हो सकता है। यह भी कहा था कि संभवत: पीड़िता को कदाचार के बारे में पता था और उसने इसे उजागर करने की धमकी दी होगी।

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