राजस्थान: भारतीय खाद्य निगम में फर्जी नौकरी रैकेट का भंडाफोड़

एटीएस ने एफसीआई और संबंधित सुरक्षा एजेंसियों से सेवा रिकॉर्ड प्राप्त किया, उनकी जांच की और पाया कि कई गार्ड धोखाधड़ी से सेवानिवृत्त रक्षा कर्मियों के रूप में काम कर रहे हैं।
राजस्थान के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने एक बड़े नौकरी रैकेट का भंडाफोड़ किया है जिसमें कई लोगों ने कथित तौर पर पूर्व सैनिक बनकर भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) में सुरक्षा गार्ड की नौकरी प्राप्त कर ली।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार एटीएस ने निजी सुरक्षा एजेंसियों के माध्यम से एफसीआई में पूर्व सैनिकों की फर्जी भर्ती के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एटीएस) विकास सिंह की देखरेख में ऑपरेशन स्क्वायर पिरामिड शुरू किया।
जांच से पता चला कि कुछ निजी सुरक्षा कंपनियों ने लोगों के जाली सेवा दस्तावेज बनाए थे और उनका इस्तेमाल पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित कोटे के तहत उन्हें सुरक्षा गार्ड के रूप में नियुक्त कराने के लिए किया था।
इन जाली दस्तावेजों में फर्जी सेवा मुक्ति प्रमाण पत्र, कैंटीन कार्ड, पेंशन भुगतान आदेश और पहचान पत्र शामिल हैं। गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए एटीएस टीम ने एफसीआई अधिकारियों के साथ समन्वय किया और राजस्थान के कई डिपो एवं गोदामों में सत्यापन अभियान चलाया।
जांच में पुष्टि हुई कि ऐसे 28 व्यक्ति जाली पूर्व सैनिक प्रमाणपत्र के बलबूते सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत हैं। बयान में कहा गया है,‘‘एटीएस ने एफसीआई और संबंधित सुरक्षा एजेंसियों से सेवा रिकॉर्ड प्राप्त किया, उनकी जांच की और पाया कि कई गार्ड धोखाधड़ी से सेवानिवृत्त रक्षा कर्मियों के रूप में काम कर रहे हैं।’’
सत्यापन के बाद इन नकली गार्डों को ड्यूटी से हटा दिया गया और जाली दस्तावेज़ जब्त कर लिए गए। एटीएस ने एक मामला दर्ज कर लिया है और रैकेट में शामिल मास्टरमाइंड और अधिकारियों या एजेंसी कर्मियों की पहचान के लिए आगे की जांच शुरू कर दी है।
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