कर्ज के बोझ तले मौत पाता अन्नदाता, कर्जमाफी के वादे कितने सही?
जहर खाने से पहले किसान ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी डाला और कहा कि आप सभी को मेरा आखिरी राम-राम। सोहनलाल ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उसने अपनी मौत का जिम्मेदार राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट को ठहराया है।
बहुत अलग होता है देख कर कुछ कहना और जी कर कुछ कहना। 11 दिसंबर 2018 को पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे आए। ये नतीजे भाजपा से कांग्रेस के हाथ जीत मंत्र थमा गए। कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देखने वाली भाजपा पर कांग्रेस ने उसी के गढ़ राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 3-0 का क्लीन-स्वीप कर जीत का आनंद प्राप्त कर लिया। इन तीनों राज्यों में कांग्रेस का कैंपेन लीड कर रहे थे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी। राहुल के इन तीन राज्यों में दिए हर भाषण में एक बात कॉमन थी जो कांग्रेस की जीत का भी एक कारण मानी जाती रही। ये है किसानों की कर्जमाफी। राहुल हर जगह कहते रहे कि कांग्रेस सरकार में आते ही कर्जा माफी करेगी। भारत वह देश है जहां दूध का क़र्ज़ चुकाने की बात कही जाती है और कहने को तो यह एक कृषि प्रधान देश है। लेकिन इसे हमारे देश का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि खेतों में पसीना बहाकर दूसरों के लिए अन्न उगाता अन्नदाता कर्ज के बोझ से छुटकारा न मिलते देख आत्महत्या को मजबूर है। ऐसी ही एक खबर राजस्थान के गंगानगर से आई जब कर्ज से परेशान किसान ने अपनी जान दे दी। श्रीगंगानगर जिले के रायसिंह नगर क्षेत्र के ठाकरी गांव में सोहनलाल मेघवाल नामक किसान ने जहर खाकर अपनी जान दे दी और बैंक की तरफ से कर्ज चुकाने का दबाव बनाए जाने को वजह बताया है।
इसे भी पढ़ें: कर्ज से परेशान किसान ने की आत्महत्या, गहलोत-पायलट को बताया मौत का जिम्मेदार
इसे भी पढ़ें: किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ रही सरकार: योगी
इसे भी पढ़ें: किसानों की खुदकुशी से जुड़ी रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस से साधा मोदी सरकार पर निशाना
इसे भी पढ़ें: रणनीति बनाकर गन्ना किसानों के बकाया का भुगतान कराया जाए: योगी
अन्य न्यूज़