Prabhasakshi NewsRoom: सचिन पायलट की और अनदेखी अब सहने को तैयार नहीं है राजस्थान का गुर्जर समाज

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ANI

हम आपको बता दें कि अगले साल होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनावों से पहले गुर्जर समुदाय अपनी राजनीतिक ताकत दर्शाने में लगा है। यही कारण है कि सभी दलों के नेता भी कर्नल बैंसला की जयंती पर उनके साथ जुड़ी अपनी यादें साझा कर रहे हैं।

राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं लेकिन इससे पहले उन्हें कांग्रेस को जोड़ना होगा क्योंकि राजस्थान में जिस तरह अशोक गहलोत सरकार के मंत्री ने सचिन पायलट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है उससे साफ दिख रहा है कि राजस्थान में कांग्रेस की क्या हालत है। हम आपको बता दें कि राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व करने वाले गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थियां जब सोमवार को पुष्कर सरोवर में विसर्जित की गईं तो वहां आयोजित कार्यक्रम में गुर्जर समाज सहित दूसरी अति पिछड़ी जाति (एमबीसी) के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए और उन्होंने अपनी राजनीतिक ताकत दिखाई। इस कार्यक्रम में हालांकि सचिन पायलट शामिल नहीं हुए लेकिन यहां बड़ी तादाद में उनके समर्थक शामिल थे जिन्होंने राजस्थान सरकार के मंत्रियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

हम आपको बता दें कि पवित्र पुष्कर सरोवर में दिवंगत बैंसला की अस्थि विसर्जन से पूर्व एक जनसभा का आयोजन किया गया जिसमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, राजस्थान के उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, खेल मंत्री अशोक चांदना, राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़, राजस्थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष वैभव गहलोत, विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़, भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी सहित भाजपा और कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भाग लिया। राजस्थान सरकार में मंत्री शकुंतला रावत व अशोक चांदना, वैभव गहलोत और राठौड़ जैसे ही मंच पर पहुंचे, भीड़ में मौजूद सचिन पायलट के समर्थकों ने शोर शराबा शुरू कर दिया। इस बीच कुछ लोगों ने मंच की तरफ जूते भी उछाले, हालांकि वो किसी को लगे नहीं और मंच से पहले ही गिर गये।

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हम आपको बता दें कि अगले साल होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनावों से पहले गुर्जर समुदाय अपनी राजनीतिक ताकत दर्शाने में लगा है। यही कारण है कि सभी दलों के नेता भी कर्नल बैंसला की जयंती पर उनके साथ जुड़ी अपनी यादें साझा कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कर्नल बैंसला के साथ अपनी फोटो ट्वीट करते हुए लिखा है- समाजसेवा की मिसाल, आदरणीय कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला जी की जयंती पर उन्हें मेरा सादर वंदन। उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया- भाजपा सरकार के दौरान की गई गोलीबारी में जान गंवाने वाले 72 गुर्जर भाइयों के परिवारों के लिए आज भी हमारे मन में पीड़ा है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस अपराध से कभी मुक्त नहीं हो सकती। गहलोत ने लिखा- यही कारण है कि मेरी सरकार के कार्यकाल के दौरान कभी गुर्जर समाज पर बल प्रयोग की नौबत नहीं आई और हमारी सरकार आरक्षण देने में भी कामयाब रही।

जहां तक सेना से सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के परिचय की बात है तो वह राजस्थान की बड़ी हस्तियों में शुमार रहे हैं। उन्होंने गुर्जर सहित पांच जाति के लोगों के लिए सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के लिए राज्य में कई आंदोलनों का नेतृत्व किया था। वह राज्य में गुर्जर समाज के सबसे बड़े नेता माने जाते रहे। किरोड़ी सिंह बैंसला ने 2009-लोकसभा चुनाव टोंक-सवाईमाधोपुर सीट से भाजपा के टिकट पर लड़ा था लेकिन वह हार गए। उनके भाजपा और कांग्रेस के नेताओं से अच्छे संबंध थे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले किरोड़ी सिंह बैंसला और विजय बैंसला भाजपा में शामिल हो गये थे।

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हम आपको बता दें कि बैंसला के निधन के बाद उनके बेटे विजय बैंसला ने 17 अगस्त को 'अस्थि-विसर्जन यात्रा' निकाली जो अति पिछड़ी जाति (एमबीसी) बाहुल्य 75 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरने के बाद शनिवार रात पुष्कर पहुंची। 'अस्थि विसर्जन यात्रा’ के माध्यम से विजय बैंसला ने गुर्जर समाज के लोगों के साथ-साथ अन्य अति पिछड़ी जाति (एमबीसी) की जातियों जिनमें बंजारा/ बलदिया/ लबाना, गाड़िया-लुहार/ गडलिया, रायका/ रेबारी और गड़रिया (गाडली) हैं, के लोगों को संगठित किया। विजय बैंसला ने अपने संबोधन में कहा कि 200 में से 75 विधानसभा क्षेत्रों में एमबीसी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं, लेकिन राजनीतिक दलों द्वारा उन्हें उनका उचित हिस्सा नहीं दिया गया है।

बहरहाल, गुर्जर समाज जिस तरह अपनी राजनीतिक ताकत दिखा रहा है उसको देखते हुए कांग्रेस आलाकमान को सचिन पायलट को जल्द ही कोई बड़ा पद देने पर मजबूर होना पड़ सकता है। क्योंकि बगावत के बाद जब सचिन पायलट माने थे तब कांग्रेस आलाकमान ने उनसे कुछ वादे किये गये थे जोकि अब तक पूरे नहीं किये गये हैं। फिलहाल राजस्थान सरकार के मंत्री अशोक चांदना ने जो ट्वीट किया है वह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और कांग्रेस के अंदरूनी संघर्ष को भी दर्शा रहा है। उल्लेखनीय है कि अशोक चांदना ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मुझ पर जूता फकवाकर सचिन पायलट यदि मुख्यमंत्री बने तो जल्दी से बन जाए क्योंकि आज मेरा लड़ने का मन नहीं है। उन्होंने कहा है कि जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो फिर एक ही बचेगा और यह मैं चाहता नहीं हूँ।

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