राजनाथ सिंह ने DRDO के सात मंजिला अनुसंधान एवं विकास केंद्र का उद्घाटन किया

राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ के सात मंजिला अनुसंधान एवं विकास केंद्र का उद्घाटन किया।भारत के प्रमुख रक्षा अनुसंधान संस्थान डीआरडीओ ने रिकॉर्ड 45 दिनों में वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान में उड़ान नियंत्रण प्रणाली के लिए इस अनुसंधान एवं विकास केंद्र का निर्माण किया है।
बेंगलुरु।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके बनाए गए बहुमंजिला सुविधा केंद्र का बृहस्पतिवार को उद्घाटन किया। डीआरडीओ के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भारत के प्रमुख रक्षा अनुसंधान संस्थान डीआरडीओ ने रिकॉर्ड 45 दिनों में वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान में उड़ान नियंत्रण प्रणाली के लिए इस अनुसंधान एवं विकास केंद्र का निर्माण किया है। सात मंजिला इमारत वाला यह केंद्र कुल 1.3 लाख वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला हुआ है।
Defence Minister Rajnath Singh inaugurates FCS Complex at Aeronautical Development Establishment (ADE) at Bengaluru
— ANI (@ANI) March 17, 2022
Karnataka CM Basavaraj Bommai and DRDO Chief G Satheesh Reddy also present pic.twitter.com/QlZvt1LvPT
इस केंद्र में भारतीय वायु सेना के लिए पांचवीं पीढ़ी के मध्यम वजन के लड़ाकू विमानों के विकास के लिए अनुसंधान और विकास सुविधाएं उपलब्ध होंगी। डीआरडीओ के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘डीआरडीओ ने वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान बेंगलुरु में उड़ान नियंत्रण प्रणाली के लिए एक बहुमंजिला बुनियादी ढांचे के निर्माण को रिकॉर्ड 45 दिनों में पारंपरिक तरीकों और स्वदेशी इंजीनियरों तथा प्रीकास्ट पद्धति से युक्त हाइब्रिड प्रौद्योगिकी के साथ पूरा कर लिया है।’’ डीआरडीओ के अधिकारी ने कहा कि इस अनुसंधान केंद्र में मध्यम वजन वाले उन्नत लड़ाकू विमान (एएमसीए) परियोजना के लिए लड़ाकू विमान और उड़ान नियंत्रण प्रणाली (एफसीएस) के लिए आवश्यक उपकरण विकसित करने की सुविधा होगी। गौरतलब है कि भारत अपनी वायु शक्ति क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के लिए उन्नत स्टील्थ सुविधाओं के साथ पांचवीं पीढ़ी के मध्यम वजन वाले लड़ाकू विमान विकसित करने के लिए महत्वाकांक्षी एएमसीए परियोजना पर काम कर रहा है।
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इस अनुसंधान केंद्र के निर्माण में करीब 15 हजार करोड़ रुपये का खर्च आया है। इस परियोजना की आधारशिला 22 नवंबर, 2021 को रखी गई थी और वास्तविक रूप से निर्माण एक फरवरी को शुरू हुआ था। इस केंद्र की इमारत में मानक राष्ट्रीय भवन कोड के अनुसार वातानुकूलन, विद्युत और अग्नि सुरक्षा प्रणालियां हैं। इसके डिजाइन की जांच और तकनीकी सहायता भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास और आईआईटी रुड़की की टीमों द्वारा प्रदान की गई थी। इस बहुमंजिला सुविधा केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई भी मौजूद थे।
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