भारत माता की जय मुद्दे पर रामदेव का विवादित बयान

रोहतक। योग गुरु रामदेव ने एक विवादित बयान में कहा है कि वह देश के कानून और संविधान का सम्मान करते हैं नहीं तो ‘‘भारत माता की जय’’ का विरोध करने वाले लाखों लोगों के सिर काट सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत माता की जय बोलना देश और मातृभूमि के प्रति नागरिकों की निष्ठा की पुष्टि करता है और जो मजहब इसके खिलाफ कहता है, वह देश के हित में नहीं है। रविवार को यहां ‘सद्भावना सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए रामदेव ने कहा, ‘‘कहते हैं ‘भारत माता की जय’ बोलना हमारे धर्म के खिलाफ है..और अगर कोई मजहब ये कहता हो कि अपनी मातृभूमि को गौरव मत दो, वो मजहब भी देश के हित में नहीं है।’’
उन्होंने साथ ही कहा कि यह नारा लगाना किसी धर्म से नहीं बल्कि मातृभूमि से जुड़ा हुआ है। उन्होंने एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी पर जोरदार प्रहार किया, जिन्होंने हाल ही में कहा था कि अगर उनकी गर्दन पर कोई चाकू भी रख दे तो भी वह भारत माता की जय नहीं बोलेंगे। हालांकि उन्होंने ओवैसी का नाम नहीं लिया। जो लोग इस नारे का विरोध कर रहे हैं, उनको निशाने पर लेते हुए रामदेव ने कहा, ‘‘कोई आदमी टोपी पहनकर खड़ा हो जाता है, बोलता है भारत माता की जय नहीं बोलूंगा, चाहे मेरी गर्दन काट दो। अरे इस देश में कानून है, नहीं तो तेरी एक की क्या, हम तो लाखों की गर्दन काट सकते हैं।’’
रामदेव ने कहा कि कानून है और वह देश के संविधान का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस देश के कानून और संविधान का सम्मान करते हैं, नहीं तो कोई भारत माता का अपमान करे, एक नहीं, हम हजारों, लाखों के सिर कलम करने का सामर्थ्य रखते हैं।’’ योग गुरु ने कहा कि यह नारा लगाना किसी की पूजा करना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत माता की जय बोलना, किसी धर्म की पूजा नहीं है। भारत माता की जय बोलना किसी की आरती उतारना नहीं है। भारत माता की जय बोलना कोई धर्म पूजा नहीं है, ये तो अपने राष्ट्र के गौरव का, अपने राष्ट्र के स्वाभिमान का, अपने राष्ट्र की गरिमा का प्रश्न है, और हम हिंदू हों, हम सिख हों, हम मुस्लिम हों, हम ईसाई हों, हम सबसे पहले हिंदुस्तानी हैं।’’
‘सद्भावना सम्मेलन’ को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, जैन मुनि तरूण सागर, शतरंज खिलाड़ी अनुराधा बेनीवाल, बॉलीवुड अभिनेता रणदीप हुड्डा, खिलाड़ी योगेश्वर दत्त और हरियाणा के विलक्षण बालक कौटिल्य पंडित ने भी संबोधित किया। ‘सामाजिक समरसता मंच’ के तत्वावधान में रोहतक में इस सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह शहर हाल ही में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसक घटनाओं के केंद्र में था।
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