आरबीआई के गवर्नर आखिरकार बैंक को मोदी से बचा रहे हैं: राहुल

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[email protected] । Oct 30 2018 9:43AM

आरबीआई ने सरकार से कहा कि उसे बैंकों की निगरानी और कड़ाई बरतने के लिए और अधिकार चाहिए, इस पर सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि आरबीआई के पास पहले ही पर्याप्त अधिकार हैं।

नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि यह देखना सुखद है कि आखिरकार भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल केंद्रीय बैंक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ‘बचा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि देश भाजपा-आरएसएस को संस्थाओं पर कब्जा नहीं करने देगा।

पटेल और ‘टीम मोदी’ के बीच टकराब की खबरों के बाद गांधी ने कहा कि गवर्नर के आरबीआई के बचाव में आने में कोई विशेष देरी नहीं हुई है। गांधी ने ट्वीट किया, “यह अच्छा है कि आखिरकार पटेल आरबीआई को ‘मिस्टर 56’ से बचा रहे हैं। कभी नहीं से विलंब बेहतर। भारत भाजपा/आरएसएस को हमारी संस्थाओं पर कब्जा नहीं करने देगा।” 


विवाद आखिर शुरू कैसे हुआ ?

मीडिया रिपोर्टों की मानें तो सरकार और आरबीआई के बीच खींचतान पिछले वित्तीय वर्ष के आरम्भ यानि मार्च-अप्रैल 2017 से ही चल रही है। पहली तकरार ब्याज दरों को लेकर ही हुई और उसके बाद जब इस साल जब नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के भाग जाने की खबर सामने आई तो सरकार ने ठीकरा आरबीआई के सिर फोड़ा और उसके सख्त एनपीए नियमों और निगरानी तंत्र पर सवाल उठा दिये। आरबीआई ने सरकार से कहा कि उसे बैंकों की निगरानी और कड़ाई बरतने के लिए और अधिकार चाहिए, इस पर सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि आरबीआई के पास पहले ही पर्याप्त अधिकार हैं। 

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आरबीआई ने सरकार को ही ले लिया निशाने पर

अभी तक जो मतभेद की खबरें रिपोर्टों के आधार पर सामने आती थीं उन्हें विरल आचार्य ने यह कह कर सड़कों पर ला दिया कि सरकार टी20 मैच खेलती है। उन्होंने कहा कि सरकार चुनाव जैसे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए टी20 मैच वाली सोच के साथ फैसले लेती है जबकि भारतीय रिजर्व बैंक को टेस्ट मैच खेलना पसंद है।

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सरकार उर्जित पटेल से खुश नहीं!

विरल आचार्य और उर्जित पटेल को मोदी सरकार ने ही नियुक्त किया था। रघुराम राजन का आरबीआई गवर्नर पद से कार्यकाल खत्म होने के बाद उर्जित पटेल को लाया गया था। लेकिन सरकार की ओर से नोटबंदी के बाद आरबीआई की ओर से जो अव्यवस्था देखने को मिली थी उसने इस शीर्ष वित्तीय संस्थान की छवि पर खराब असर डाला।

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