70वें गणतंत्र दिवस के जश्न की धूम, राजपथ पर भारत की सामरिक शक्ति का प्रदर्शन

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मोदी इस साल भी पारम्परिक कुर्ता-पायजामा के साथ नेहरू जैकेट पहने नजर आए। उन्होंने राजपथ पहुंच कर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और मुख्य अतिथि की अगवानी एवं उनका स्वागत किया।

राष्ट्रीय राजधानी में राजपथ पर कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को देश का 70वां गणतंत्र दिवस मनाया गया। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा इस जश्न के साक्षी बने। राजपथ पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और तीनों सेना प्रमुखों के साथ अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मोदी इस साल भी पारम्परिक कुर्ता-पायजामा के साथ नेहरू जैकेट पहने नजर आए। उन्होंने राजपथ पहुंच कर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और मुख्य अतिथि की अगवानी एवं उनका स्वागत किया।

ध्वजारोहण के दौरान बैंड ने राष्ट्रगान बजाया और 21 तोपों की सलामी दी गई। इसी के साथ तिरंगा भी फहराया गया। गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित मोदी सरकार के अधिकतर मंत्रियों ने और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समारोह में शिरकत की।

इस साल गणतंत्र दिवस की थीम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से जुड़ी थी और कई राज्यों की झाकियां राष्ट्रपिता पर केन्द्रित रहीं। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा इस साल गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं। अधिकारियों ने बताया कि नेल्सन मंडेला के बाद भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले वह दूसरे दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति है। इंडियन नेशनल आर्मी (आईएनए) के चार दिग्ग्जों ने भी इस परेड में हिस्सा लिया जिनकी आयु 90 वर्ष से अधिक है। भारतीय सेना ने यहां ‘आर्टिलरी गन सिस्टम M777 अमेरिकन अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर’ का भी प्रदर्शन किया।

समारोह में नारी शक्ति का भी बोलबाला रहा। असम राइफल्स की महिला टुकड़ी ने पहली बार परेड में हिस्सा लेकर एक इतिहास बनाया। इस टुकड़ी का नेतृत्व मेजर खुशबू कंवर ने किया। नौसेना, सेना सेवा कोर की टुकड़ी और कोर ऑफ सिग्नल्स की एक इकाई का नेतृत्व भी महिला अधिकारियों ने किया। परेड की शुरुआत हेलीकॉप्टर से गुलाब की पत्तियां बरने के साथ हुई। परेड सर्द मौसम और कड़ी सुरक्षा के बीच पूरी हुई। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए हजारों सुरक्षा कर्मी, विमान रोधी बंदूकें और शार्पशूटर तैनात किए गए थे।

भारीतय सेना के टी-90 टैंक, बॉलवे मशीन पीकेट (बीएमपी-II/II के), सर्फेज माइन क्लियरिंग सिस्टम, 115 मिमी/52 कैलिबर ट्रैकड सेल्फ प्रोपेल्ड गन (के-9 वज्र), ट्रांसपोर्टेबल सैटेलाइट टर्मिनल, ट्रूप लेवल रडार एंड आकाश वेपन सिस्टन का भी परेड में प्रदर्शन किया गया। परेड में सिख लाइट इन्फैंट्री, जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री, गोरखा ब्रिगेड, सेना सेवा कोर, सेना आपूर्ति कोर (उत्तर), प्रादेशिक सेना बटालियन की पैदल सेना ने हिस्सा लिया।

भारतीय नौसेना का ब्रास बैंड, पैदल सेना तथा झांकी और वायु सेना का बैंड और पैदल सेना भी यहां पहुंची थी। पैरा-मिलिट्री और अन्य सहायक बलों ने राष्ट्रीय कैडेट कोर और राष्ट्रीय सेवा योजना के साथ परेड में भाग लिया। सिक्किम, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, गोवा, अण्डमान-निकोबार द्वीपसमूह और उत्तराखंड की झाकियां भी जश्न में शामिल हुईं। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार जीतने वाले 26 बच्चे भी जीप में सवार होकर राजपथ पहुंचे। परेड में स्कूली बच्चों ने भी प्रस्तुति दी।

मोटर साइकिल पर भी हर साल की तरह इस बार भी जांबाजों ने कई तरह के करतव दिखाए जिसका वहां बैठे दर्शकों ने तालियां से स्वागत किया। सर्द मौसम के बावजूद परेड देखने पहुंचे लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी।

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