संस्कृत में लिखे शोध पत्रों की अब अंतर्राष्ट्रीय पटल पर होगी पहचान

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हरियाणा के मुख्यमंत्री, जो संस्कृत अकादमी के अध्यक्ष भी हैं, उनके मार्गदर्शन में इस पत्रिका को ही अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका का दर्जा दिलाने की कार्रवाई शुरू की गई। यूजीसी ने संस्कृत रिसर्च जनरल की हालिया अपडेट लिस्ट में इसे नौंवे स्थान पर शामिल कर लिया है।

चंडीगढ़ । हरियाणा में संस्कृत के प्रचार-प्रसार में लगातार जुटी हरियाणा संस्कृत अकादमी के नाम सफलता की एक और नई कड़ी जुड़ गई है। अकादमी की पत्रिका ‘हरिप्रभा’ को यूजीसी ने संस्कृत रिसर्च जनरल में लिस्टेड कर लिया है। इससे अब इस पत्रिका में प्रकाशित होने वाले शोधपत्रों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। प्रदेश की यह पहली ऐसी संस्कृत पत्रिका होगी,जिसे यूजीसी ने अपने रिसर्च जनरल की लिस्ट में शामिल किया है।

 

अकादमी के निदेशक डॉ. दिनेश शास्त्री ने बताया कि हरियाणा में संस्कृत के शोधपत्रों(रिसर्च जनरल) के प्रकाशन के लिए कोई पत्रिका यूजीसी केयर लिस्ट में शामिल नहीं थी। हरियाणा में अकादमी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के दौरान संस्कृत विद्वानों और शोधार्थियों द्वारा इस बारे में उनके संज्ञान में लाया गया। प्रदेश के विश्वविद्यालयों की पत्रिकाओं को भी यह सुविधा प्राप्त नहीं थी। अकादमी पिछले 17 वर्षों से ‘हरिप्रभा’ का लगातार प्रकाशन कर रही है।

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उन्होंने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री, जो संस्कृत अकादमी के अध्यक्ष भी हैं, उनके मार्गदर्शन में इस पत्रिका को ही अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका का दर्जा दिलाने की कार्रवाई शुरू की गई। यूजीसी ने संस्कृत रिसर्च जनरल की हालिया अपडेट लिस्ट में इसे नौंवे स्थान पर शामिल कर लिया है। संस्कृत विद्वान डॉ. अशोक मिश्र ने बताया कि यूजीसी केयर लिस्ट में हरिप्रभा के शामिल होने पर संस्कृत शोधार्थियों और संस्कृत में करियर बनाने वालों को पूरा लाभ होगा। साक्षात्कार में इस तरह की पत्रिकाओं में प्रकाशित शोध पत्रों के विशेष अंक मिलते हैं। इसके अलावा पीएचडी आदि करने वालों को भी अब अपने शोधपत्रों के लिये दूसरे राज्यों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

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अकादमी निदेशक ने आगे बताया कि प्रदेश के गुरुकलों को केंद्रीय विश्वविद्यालय से सीधी ग्रांट जारी होने का कार्य भी मुख्यमंत्री के प्रयासों से सम्भव हो पाया है। पूर्व मध्यमा और उत्तर मध्यमा कक्षाओं को 10वीं और 12वीं समकक्ष के लिए प्रदेश के 32 गुरुकलों को हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से मान्यता दिलवाई गई है। पिछले चार वर्ष के लंबित संस्कृत विद्वानों के पुरस्कारों को घोषित कर दिया गया है। अकादमी की वेबसाइट को अपडेट कर दिया गया है। एप्प का निर्माण कार्य जारी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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