Karnataka में आरक्षण बना बड़ा मुद्दा, अमित शाह ने कांग्रेस पर उठाए सवाल, डीके शिवकुमार ने किया पलटवार

आरक्षण के मुद्दे पर कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने कहा कि वे(भाजपा) स्वयं हलफनामे में विफल रहे। उन्होंने कहा कि सरकार के हलफनामे के मुताबिक कोर्ट ने फैसला लिया है। यह पूरी तरह से विफल है।
कर्नाटक चुनाव में आरक्षण बड़ा मुद्दा बनता दिखाई दे रहा है। भाजपा इस मामले को लेकर कांग्रेस पर हमलवार है। वहीं कांग्रेस की ओर से भी पलटवार किया जा रहा है। कर्नाटक के विजयपुरा में अमित शाह ने कहा कि हमने आरक्षण के अंदर बड़ा बदलाव किया। संविधान धर्म के आधार पर किसी को आरक्षण की अनुमति नहीं देता। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस पार्टी ने वोट बैंक प्राप्त करने के लिए मुस्लिम आरक्षण दिया था, भाजपा की सरकार ने 4% मुस्लिम आरक्षण को खत्म करके लिंगायत और दलित समाज और सभी के आरक्षण में बढ़ोत्तरी की।
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वहीं, इस मामले पर कांग्रेस की ओर से भी पलटवार किया गया है। आरक्षण के मुद्दे पर कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने कहा कि वे(भाजपा) स्वयं हलफनामे में विफल रहे। उन्होंने कहा कि सरकार के हलफनामे के मुताबिक कोर्ट ने फैसला लिया है। यह पूरी तरह से विफल है। सिर्फ चुनाव के लिए उन्होंने कुछ चॉकलेट देने की कोशिश की और यह पूरी तरह से विफल रहा। हालांकि, अमित शाह साफ तौर पर कह रहे हैं कि यहां धर्म के आधार पर 4% मुस्लिम आरक्षण था। भाजपा की सरकार ने वोट बैंक की लालच में पड़े बिना, इस मुस्लिम आरक्षण को समाप्त कर दिया है। हम मानते हैं कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होना चाहिए।
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साह ने कहा है कि मुस्लिम आरक्षण समाप्त करने के बाद हमने ST, SC, वोकलिंगा और लिंगायत सब के आरक्षण में बढ़ोतरी करने का काम किया है। अमित शाह ने सोमवार को कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कर्नाटक में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा अपनाये गये आरक्षण ‘फार्मूले’ को लागू करेगी। शाह ने कहा कि भाजपा ने कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में जीतने की क्षमता के आधार पर टिकट दिया है, न कि बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक के आधार पर, और कहीं भी किसी गैर-लिंगायत उम्मीदवार ने लिंगायत की जगह नहीं ली है।
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