Jan Gan Man: संघर्षों में उलझी दुनिया को Mohan Bhagwat का संदेश- हिंदुत्व में दुनिया का मार्गदर्शन करने की क्षमता

Mohan Bhagwat
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हम आपको बता दें कि हमने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के पिछले चार-पांच दिनों में दिये गये संबोधनों का विश्लेषण किया। आरएसएस प्रमुख ने वैश्विक संघर्षों में उलझी दुनिया का मार्गदर्शन करते हुए शांति की जरूरत को भी रेखांकित किया है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास के बीच जारी संघर्षों के मद्देनजर ऐसा प्रतीत हो रहा कि तृतीय विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। भागवत ने साथ ही कहा है कि विश्व में चल रहे युद्ध में धर्म की ही जीत होगी। उनका कहना है कि धर्म और सत्य की ताकत के आगे अधर्म को हार का सामना करना पड़ेगा। भागवत ने साथ ही रामायण और महाभारत को हर हिंदू के लिए प्रेरणा बताते हुए आह्वान किया है कि हर हिंदू देश निर्माण में अपना धर्म निभाए।”

हम आपको बता दें कि हमने आरएसएस प्रमुख के पिछले चार-पांच दिनों में दिये गये संबोधनों का विश्लेषण किया। आरएसएस प्रमुख ने वैश्विक संघर्षों में उलझी दुनिया का मार्गदर्शन करते हुए शांति की जरूरत को भी रेखांकित किया है। हाल ही में उन्होंने मध्य प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र की संघ की दिवंगत महिला पदाधिकारी डॉ. उर्मिला जामदार की स्मृति में आयोजित एक व्याख्यान में कहा कि विज्ञान ने बहुत प्रगति की है, लेकिन इसका लाभ अभी भी देश या दुनियाभर में गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है। आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘लेकिन दुनिया को तबाह करने वाले हथियार हर जगह पहुंच गए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भले ही ग्रामीण इलाकों में कुछ बीमारियों की दवा उपलब्ध नहीं हो, लेकिन देसी कट्टा उपलब्ध है।’’ भागवत ने कहा कि मानवता की सेवा करना सनातन धर्म है, जो हिंदू धर्म का पर्याय है। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व में दुनिया का मार्गदर्शन करने की क्षमता है।

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इससे पहले संघ प्रमुख ने गत सप्ताह चित्रकूट के हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित युग तुलसी पंडित रामकिंकर उपाध्याय के जन्मशताब्दी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि कुछ लोग उभरते भारत को दबाने की कोशिश रहे हैं। यह सत्य भारत है, जो कभी दबता नहीं है। यह हर संकट से उबर कर आगे बढ़ता रहेगा। भागवत ने देश की वर्तमान स्थिति को लेकर 'देश विरोधी ताकतों' पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि कठोर परिश्रम के बाद देश का निर्माण हुआ है। उन्होंने कहा था कि विश्व में चल रहे युद्ध में धर्म की ही जीत होगी। धर्म और सत्य की ताकत के आगे अधर्म को हार का सामना करना पड़ेगा। हर हिंदू के लिए आगे बढ़ने के लिए रामायण और महाभारत प्रेरणा है। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि तमाम ताकतें अयोध्या में राम मंदिर बनने में अड़ंगा लगा रही थीं, लेकिन भगवान की ताकत के आगे किसी की नहीं चली और साढ़े पांच सौ साल बाद आखिरकार सत्य और धर्म की जीत हुई।

भागवत ने कहा कि ’सनातन धर्म विरोधी’ देशों के खिलाफ भारत एकजुट होकर संघर्ष कर जीत की ओर बढ़ता रहेगा तथा भारत सबको जोड़ने वाला देश है। संघ प्रमुख ने कहा, ''नई उम्मीद और विकसित राष्ट्र बनाने के लिए एकजुट हो जाएं। किसी से डरने या अन्याय सहने की जरूरत नहीं है। विश्व में हमेशा धर्म व अधर्म रहा है। धर्म के पक्ष में ही खड़े रहना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि जब पूरा समाज तैयार होता है, तब भगवान की कृपा रूपी अंगुली उठती है। भागवत ने कहा, ''ऋषि और मुनियों के कठोर परिश्रम से राष्ट्र की नींव रखी गई है। अलग-अलग रंग रूप होते हुए भी मूलरूप से हम सभी एक हैं। भारत विश्व में सबसे सुरक्षित और समृद्ध राष्ट्र है।''

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