'RSS पेड़ है और BJP उसका फल', कन्हैया कुमार बोले- धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल कर हो रही सांप्रदायिक राजनीति

Kanhaiya Kumar
ANI
अंकित सिंह । Jan 16 2023 4:21PM

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ धर्म के प्रतीकों का इस्तेमाल कर सांप्रदायिक राजनीति कर रही है। उसका धर्म से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई भी धार्मिक व्यक्ति किसी का खून बहाना, मारना, नफरत फैलाना जैसी चीजों का समर्थन नहीं करता है।

कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने आज कहा कि हम भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अलग-अलग नहीं देखते। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि अगर आरएसएस पेड़ है तो भाजपा उसका फल। दरअसल, एक संवाददाता सम्मेलन में कन्हैया कुमार ने कहा कि भले ही आरएसएस के लोग कहते हो कि वह सांस्कृतिक संगठन हैं, लेकिन उनकी पूरी विचारधारा राजनीति पर आधारित है। उन्होंने स्पष्टता के साथ कहा कि धर्म देश का है, सांप्रदायिकता देश का नहीं है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ धर्म के प्रतीकों का इस्तेमाल कर सांप्रदायिक राजनीति कर रही है। उसका धर्म से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई भी धार्मिक व्यक्ति किसी का खून बहाना, मारना, नफरत फैलाना जैसी चीजों का समर्थन नहीं करता है। 

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आपको बता दें कि कांग्रेस नेता आरएसएस से जुड़ी पत्रिकाओं ऑर्गनाइजर और पांचजन्य को भागवत के साक्षात्कार का जिक्र कर रहे थे, जहां उन्होंने भारत के लिए बाहरी खतरों, देश और अन्य जगहों पर रहने वाले हिंदुओं और मुसलमानों के "सर्वोच्चता के दावे" सहित कई मुद्दों पर बात की थी। भागवत ने कहा था कि हिन्दू हमारी पहचान, राष्ट्रीयता और सबको अपना मानने एवं साथ लेकर चलने की प्रवृति है।’’ सरसंघचालक ने कहा, ‘‘हिन्दुस्थान, हिन्दुस्थान बना रहे, सीधी सी बात है। इससे आज भारत में जो मुसलमान हैं, उन्हें कोई नुकसान नहीं है। वह हैं। रहना चाहते हैं, रहें। पूर्वज के पास वापस आना चाहते हैं, आएं। उनके मन पर है।’’ उन्होंने कहा था कि इस्लाम को कोई खतरा नहीं है, लेकिन हम बड़े हैं, हम एक समय राजा थे, हम फिर से राजा बने...यह छोड़ना पड़ेगा और किसी कोई भी छोड़ना पड़ेगा।’’ 

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भागवत ने कहा था कि हमारी राजनीतिक स्वतंत्रता को छेड़ने की ताकत अब किसी में नहीं है। इस देश में हिन्दू रहेगा, हिन्दू जायेगा नहीं, यह अब निश्वित हो गया है। हिन्दू अब जागृत हो गया है। इसका उपयोग करके हमें अंदर की लड़ाई में विजय प्राप्त करना और हमारे पास जो समाधान है, उसे प्रस्तुत करना है। उन्होंने कहा कि नयी नयी तकनीक आती जायेगी। लेकिन तकनीक मनुष्यों के लिये है। कृत्रिम बुद्धिमता को लेकर लोगों को डर लगने लगा है। वह अगर निर्बाध रहा तो कल मशीन का राज हो जायेगा।’’ सांस्कृतिक संगठन होने के बावजूद राजनीतिक मुद्दों के साथ आरएसएस के जुड़ाव पर, भागवत ने कहा कि संघ ने जानबूझकर खुद को दिन-प्रतिदिन की राजनीति से दूर रखा है, लेकिन हमेशा ऐसी राजनीति से जुड़ा है जो ‘‘हमारी राष्ट्रीय नीतियों, राष्ट्रीय हित और हिन्दू हित’’ को प्रभावित करती है।

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