नया संविधान शीर्षक वाले फर्जी दस्तावेज पर आरएसएस नेता ने दर्ज कराई शिकायत

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[email protected] । Jan 18 2020 6:25PM

सरकार द्वारा बनाए जा रहे भारत के नए संविधान का संक्षिप्त मसौदा है जिसमें लोगों का सशक्तिकरण जाति व्यवस्था के अनुसार किया जाएगा। पुस्तिका में कहा गया है कि नए संविधान के मुताबिक ब्राह्मण समुदाय के लोग देश पर राज करेंगे और लोगों की शक्तियां जाति व्यवस्था में उनके दर्जे के अनुसार निर्धारित की जाएँगी।

अहमदाबाद। आरएसएस के एक पदाधिकारी ने “भारत का नया संविधान” शीर्षक वाली एक पुस्तिका का कथित तौर पर प्रचार करने के लिए अज्ञात लोगों के खिलाफ यहां अहमदाबाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।  एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। संघ पदाधिकारी के अनुसार सोशल मीडिया पर प्रचारित हो रही मोहन भागवत के चित्र वाली पुस्तिका भ्रामक और फर्जी है।  अहमदाबाद में आरएसएस की मणिनगर इकाई के पदाधिकारी दिनेश वाला ने शुक्रवार को यहां साइबर सेल पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।  शिकायत में कहा गया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही 16 पृष्ठ की पुस्तिका में दावा किया गया है कि वह नरेंद्र मोदी

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सरकार द्वारा बनाए जा रहे भारत के नए संविधान का संक्षिप्त मसौदा है जिसमें लोगों का सशक्तिकरण जाति व्यवस्था के अनुसार किया जाएगा।  पुस्तिका में कहा गया है कि नए संविधान के मुताबिक ब्राह्मण समुदाय के लोग देश पर राज करेंगे और लोगों की शक्तियां जाति व्यवस्था में उनके दर्जे के अनुसार निर्धारित की जाएँगी।  शिकायतकर्ता के अनुसार दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि महिलाओं और अस्पृश्यों का मताधिकार छीन लिया जाएगा।  शिकायत में वाला ने कहा कि पुस्तिका में कहा गया है कि एक विस्तृत संविधान तैयार किया जा रहा है जिसमें लोग अपने सुझाव प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज सकते हैं। 

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शिकायत में कहा गया है कि पुस्तिका के अनुसार लोगों को अपने सुझाव की प्रति नागपुर स्थित आरएसएस कार्यालय में भेजनी होगी।  पेशे से वकील वाला ने कहा, “मुझे यह पुस्तिका पीडीएफ फॉर्मेट में वाट्सएप्प पर प्राप्त हुई। जब मैंने इसे पढ़ा तो इसकी प्रामाणिकता पर मुझे संदेह हुआ। मैंने इसकी प्रति एक वरिष्ठ आरएसएस पदाधिकारी को भेज दी, जिन्होंने मुझे बताया कि वह दस्तावेज फर्जी था। इसके बाद मैंने शिकायत दर्ज कराने का निर्णय लिया।”  साइबर अपराध पुलिस ने कहा कि उन्होंने संबंधित कानून की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।  आरएसएस ने शुक्रवार को स्पष्ट किया था कि पुस्तिका से उसका कोई लेना-देना नहीं है और यह संघ को बदनाम करने की कोशिश है।  संघ ने उक्त पुस्तिका के संबंध में नागपुर के कोतवाली थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी। 

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