JNU में लड़कियों को लड़कों से दूर रहने वाले फरमान पर बवाल, विवाद बढ़ने पर सर्कुलर की भाषा में किया बदलाव

JNU
अभिनय आकाश । Dec 29 2021 5:12PM

जेएनयू प्रशासन की ओर से गठित आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का यौन उत्पीड़न पर काउंसिलिंग सत्र के आयोजन पर एक सर्कुलर जारी किया। इसमें कहा गया कि यौन उत्पीड़न से बचने के लिए महिलाओं को जानना चाहिए कि पुरुष दोस्तों के साथ कैसे दायरा बनाना है।

जेएनयू में एक ताजा विवाद का मामला सामने आया। दरअसल, लड़कियों को लड़कों से दूर रहने की हिदायत दी गई। जेएनयू के इस अजीबो-गरीब फरमान पर देखते ही देखते बखेड़ा खड़ा हो गया। राष्ट्रीय महिला आयोग ने इसे महिला विरोधी बताते हुए वापस लेने की मांग की है। विवाद बढ़ता देख जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने यौन उत्पीड़न पर परामर्श के लिए अपने सार्वजनिक आमंत्रण की को संशोधित किया है और उस वाक्य को हटा दिया गया। विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) ने जेएनयू की वेबसाइट पर आमंत्रण अपलोड करते हुए कहा था कि वह 17 जनवरी को यौन उत्पीड़न पर परामर्श सत्र आयोजित करेगी। इसने यह भी कहा कि इस तरह के सत्र मासिक आधार पर आयोजित किए जाएंगे।

क्या है पूरा मामला

जेएनयू प्रशासन की ओर से गठित आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का यौन उत्पीड़न पर काउंसिलिंग सत्र के आयोजन पर एक सर्कुलर जारी किया। इसमें कहा गया कि यौन उत्पीड़न से बचने के लिए महिलाओं को जानना चाहिए कि पुरुष दोस्तों के साथ कैसे दायरा बनाना है।  इसमें लिखा है कि लड़कियों को यौन उत्पीड़न से बचने के लिए खुद रेखा खींचनी चाहिए। आईसीसी में ऐसे कई मामले आते हैं जहां करीबी दोस्तों के बीच यौन उत्पीड़न होता है। लड़के आम तौर पर दोस्ती (कभी-कभी अनजाने में, कभी कभार जानबूझकर) हास परिहास और यौन उत्पीड़न के बीच की रेखा को पार कर जाते हैं। लड़कियों को यह जानना होगा कि इस तरह के किसी भी उत्पीड़न से बचने के लिए (उनके और उनके पुरुष मित्रों के बीच) एक ठोस रेखा कैसे खींचनी है।

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भाषा में किया बदलाव

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने यौन उत्पीड़न पर परामर्श के लिए अपने सार्वजनिक आमंत्रण की को संशोधित किया है और इस वाक्य को हटा दिया है कि ‘‘लड़कियों को यह जानना चाहिए कि उनके और उनके पुरुष मित्रों के बीच एक ठोस रेखा कैसे खींचनी है।’’ विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) ने जेएनयू की वेबसाइट पर यह कहते हुए आमंत्रण अपलोड किया था कि वह 17 जनवरी को यौन उत्पीड़न पर परामर्श सत्र आयोजित करेगी। समिति ने यह भी कहा कि इस तरह के सत्र मासिक आधार पर आयोजित किए जाएंगे। उपशीर्षक ‘‘इस परामर्श सत्र की आवश्यकता क्यों है’’ के तहत संबंधित वाक्य को बदल दिया गया है। संशोधित वाक्य है ‘‘लड़कों को दोस्ती और ऐसा व्यवहार जिसे यौन उत्पीड़न माना जा सकता है, के बीच में स्पष्ट रूप से अंतर बताने के लिए परामर्श दिया जाएगा। लड़कियों को परामर्श दिया जाएगा कि यौन उत्पीड़न से कैसे बचा जाए।’’  

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