सुप्रीम कोर्ट जो भी कहेगा, उसका सम्मान करना होगा: AIPMLB
ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड(एआईएमपीएलबी) ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में उच्चतम न्यायालय के आज के निर्णय पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
लखनऊ। ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड(एआईएमपीएलबी) ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में उच्चतम न्यायालय के आज के निर्णय पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। बोर्ड के सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता जफरयाब जीलानी ने ‘भाषा‘ से बातचीत में कहा कि अदालत के आदेश की आलोचना करना या उसका स्वागत करना किसी के भी लिये ठीक नहीं है। न्यायालय जो भी कहेगा, उसका सम्मान करना होगा।
उन्होंने कहा कि अगर हमें किसी चीज से परेशानी होगी तो हम अदालत में अर्जी देकर गुहार लगाएंगे। इस बीच, ऑल इण्डिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि अयोध्या विवाद जल्द सुलझना चाहिये। उन्होंने कहा कि इस मसले का हल निकलना चाहिये और चुनाव के करीब तो इस मुद्दे को नहीं गरम करना चाहिये। अब्बास ने कहा कि मंदिर-मस्जिद के झगड़े में अनेक मांओं ने अपने बच्चे खो दिये, अनेक बीवियों ने अपने शौहरों को खो दिया। हिन्दुस्तान भाईचारे का मुल्क है, जहां विभिन्न धर्मों के मानने वाले लोग एक साथ रहते हैं।
मालूम हो कि उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले को सोमवार को उचित पीठ के समक्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह के लिये सूचीबद्ध कर दिया जो इसकी सुनवाई का कार्यक्रम निर्धारित करेगी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की पीठ ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई की प्रक्रिया के बारे में वही पीठ जनवरी में निर्णय लेगी। पीठ ने कहा कि हम अयोध्या विवाद मामले को सुनवाई के लिये जनवरी में उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करेंगे।
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