प्रदूषण से निपटने के लिए SC ने गडकरी को भेजा बुलावा, CJI बोले- समन नहीं निमंत्रण समझें

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने वायु प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से, सभी सार्वजनिक परिवहन वाहनों और सरकारी वाहनों की जगह क्रमिक रूप से विद्युत चालित वाहन (ईवी) लाने के मुद्दे पर बुधवार को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ इस विषय पर बातचीत की इच्छा व्यक्त की। हालांकि, शीर्ष अदालत ने अतिरिक्त सालिसीटर जनरल एएनएस नाडकर्णी की आपत्ति को देखते हुये मंत्री की उपस्थिति के बारे में कुछ नहीं कहा। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने अतिरिक्त सालीसिटर जनरल ए एन एस नादकर्णी से जानना चाहा कि क्या मंत्री शीर्ष अदालत की सहायता के लिए बातचीत करने आ सकते हैं। पीठ ने नादकर्णी से कहा, ‘‘क्या परिवहन मंत्री उच्चतम न्यायालय आ सकते हैं और बिजली अथवा हाइड्रोजन से चलने वाले प्रदूषण रहित वाहनों के प्रस्ताव पर जानकारी दे सकते हैं?’’
Supreme Court was hearing today a case filed by Centre for Public Interest Litigation (CPIL) seeking implementation of its policy to gradually convert all public transport and government vehicles to electric vehicles. https://t.co/zRcFGKfTDV
— ANI (@ANI) February 19, 2020
पीठ ने इस बात का जिक्र किया कि मंत्री निजी और सार्वजनिक यातायात के लिये वैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल के बारे में बात करते रहे हैं, अत: न्यायालय उनके साथ बातचीत करना चाहेगा। पीठ ने कहा, ‘‘आपके मंत्री इसके बारे में बात करते हैं। हम उन्हें सुनना चाहेंगे। किसी जिम्मेदार व्यक्ति को आना चाहिए।’’ नादकर्णी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मंत्री के आने का राजनीतिक कारणों से दुरुपयोग किया जा सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि नेताओं के अदालत में उपस्थित होने में कुछ गलत नहीं है। पीठ ने कहा, ‘‘हम समझते हैं कि प्रशांत भूषण जी राजनीतिक शख्सियत हैं लेकिन वह मंत्री से जिरह करने नहीं जा रहे हैं।’’ परिवहन मंत्री की उपस्थिति के बारे में कुछ भी कहे बगैर ही पीठ ने कहा, ‘‘हम यह उचित समझते हैं कि इस मामले में निर्णय लेने के अधिकृत प्राधिकारियों की मदद से सारे मुद्दों पर एकसाथ विचार किया जाये।’’
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इसके साथ ही पीठ ने गैर सरकारी संगठन सेन्टर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशंस की याचिका चार सप्ताह बाद सूचीबद्ध कर दी। इससे पहले सुनवाई के दौरान गैर सरकारी संगठन की ओर से अधिवक्ता भूषण ने कहा कि राष्ट्रीय ई-मोबिलिटी मिशन योजना, 2020 पेश की गयी थी जिसके अनुसार सरकार को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने थे। भूषण ने कहा कि प्रस्तावित योजना के अंतर्गत प्राधिकारियों को बिजली चालित वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिये सब्सिडी मुहैया करानी होगी और उन्हें मॉल तथा पेट्रोल पंप समेत सार्वजनिक स्थलों पर ऐसे वाहनों के लिए चार्जिंग प्वाइंट बनाने होंगे।
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