प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग में अलग से बनेगा विंग: कृषि मंत्री

Agriculture Minister

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक कृषि के साथ-साथ राज्य के किसानों को विविधिकरण पर भी ध्यान देना होगा और खेती कार्य में मूल्य संवर्धन पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसान हितैषी योजनाओं व नीतियों को लागू करने के लिए कटिबद्ध हैं। इसी दिशा में विभाग की आईटी टीम को सुदृढ किया जा रहा हैं ताकि किसानों की हर प्रकार की समस्या की निगरानी करने के साथ-साथ जल्द से जल्द समाधान भी किया जा सकें।

 चंडीगढ़   कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  जे.पी. दलाल ने कहा कि राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग में एक अलग से विंग बनाया जाएगा ताकि खाद्यान्न की अधिक मात्रा उपज के साथ-साथ गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जा सकें। इसके लिए, इस विंग के के माध्यम से किसानों के लिए अलग प्रशिक्षण देने के अलावा अलग-अलग कलस्टर भी बनाए जाएंगे। 

 

दलाल आज राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई ‘‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना’’ के पोर्टल के शुभारंभ अवसर पर उपस्थित मीडिया कर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक कृषि के साथ-साथ राज्य के किसानों को विविधिकरण पर भी ध्यान देना होगा और खेती कार्य में मूल्य संवर्धन पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसान हितैषी योजनाओं व नीतियों को लागू करने के लिए कटिबद्ध हैं। इसी दिशा में विभाग की आईटी टीम को सुदृढ किया जा रहा हैं ताकि किसानों की हर प्रकार की समस्या की निगरानी करने के साथ-साथ जल्द से जल्द समाधान भी किया जा सकें।

 

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दलाल ने कहा कि शायद हरियाणा देशभर में ऐसा पहला राज्य हैं जहां पर किसान हित की नीतियों को लागू करने, फसल खरीदने के साथ-साथ भावांतर भरपाई के माध्यम से किसानों को मुआवजा देने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा, किसानों को एक क्लिक के माध्यम से लाभ देने का भी काम किया जा रहा है। उन्हांेने कहा कि हरियाणा का किसान खुशहाल है आज की तारीख में कई फसलों के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक मिल रहे हैं जैसे कि कपास 10 हजार से 12 हजार के बीच, सरसांे के दाम भी 6 हजार से 8 हजार के बीच तथा गंेहू भी न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक 2300 से 2400 रूपए प्रति क्विंटल के भाव बिक रही है।

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उन्होंने कहा कि मंडियों में भी बिक्री के संबंध में पूरी सुविधाएं दी जा रही हैं और किसान को उनकी उपज का 72 घंटे के भीतर भुगतान किया जा रहा है यदि किसी किसान का भुगतान नहीं होता है तो उसे 9 प्रतिशत के अनुसार ब्याज का भी भुगतान किया जाता है। श्री दलाल ने कहा कि हरियाणा कृषि के क्षेत्र में एक आदर्श राज्य बनें इसके लिए वे लगातार प्रयास कर रहे हैं और उन सभी योजनाओं व नीतियों को भी लागू करने के लिए उत्सुक रहते हैं जों किसानों को लाभ पहुंचा सकती हैं।

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कृषि मंत्री ने कहा कि किसान की आमदनी बढे, इसके लिए उत्तम व्यवस्थाएं भी की जा रही है और अब किसानी व खेतीबाडी में पढे-लिखे युवा भी बढचढ के आगे आ रहे हैं क्योंकि खेती, पशुपालन व मत्स्य पालन के विविधिकरण से किसानों, पशुपालकों व मतस्यपालकों को लाभ होने लगा हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि खारे पानी में झींगा पालने का प्रचलन बढा है और अब किसान काफी अच्छी आमदन इस व्यवसाय से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मत्स्यपालन के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा लगातार बढावा दिया जाएगा क्योंकि हरियाणा में 10 लाख एकड़ खारे पानी की जमीन है।

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दलाल ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर मत्स्य पालकों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने की ओर एक अभियान चलाया जाएगा। इसी प्रकार, राज्य सरकार के वर्ष 2022-23 में बागवानी के बजट को बढाया गया है। उन्होेंने कहा कि 4.70 लाख हैक्टेयर भूमि बागवानी क्षेत्र में आती हैं।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों से लगभग 1500 करोड़ रूपए लिए गए और 5200 करोड रूपए का वितरण मुआवजे के तौर पर किसानों को किया गया। इस योजना से किसान खुश हैं क्योंकि यह स्वौच्छिक हैं। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि फसल विविधिकरण के तहत किसान झींगा उत्पादन, मशरूम, शहद व बागवानी की ओर ध्यान देें ताकि किसानों की आमदन बढ सकें।

इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती सुमिता मिश्रा तथा बागवानी विभाग के महानिदेशक श्री अर्जुन सैनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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