दशहरे पर कोरोना का साया, कहीं रामलीला हो रही रद्द तो कहीं रामकथा का डिजिटल प्रसारण चल रहा
लयबद्ध संगीत के बीच मंच पर अभिनेता किरदारों में ढलकर लोगों के सामने आ रहे हैं और कुछ कलाकार तो मंच पर पीपीई किट पहन कर आ रहे हैं। सिंह ने कहा,“जिन दृश्यों में पहले 20 कलाकार हुआ करते थे उनमें अब केवल पांच या 10 कलाकार ही मंच पर आ रहे हैं।
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लयबद्ध संगीत के बीच मंच पर अभिनेता किरदारों में ढलकर लोगों के सामने आ रहे हैं और कुछ कलाकार तो मंच पर पीपीई किट पहन कर आ रहे हैं। सिंह ने कहा,“जिन दृश्यों में पहले 20 कलाकार हुआ करते थे उनमें अब केवल पांच या 10 कलाकार ही मंच पर आ रहे हैं। इसी तरह, दर्शकों की कुर्सियां भी एक दूसरे से छह छह फुट की दूरी पर हैं। प्रवेश के समय हम सभी को सैनिटाइज करते हैं और सभी आगंतुकों को मास्क वितरित करते हैं।” शास्त्री पार्क समिति उन कुछ समितियों में से एक है जिन्होंने समय रहते नियमों के अनुसार खुद को ढाल लिया। इस बार रामलीला आयोजन की औपचारिक तौर पर घोषणा केवल एक सप्ताह पहले 11 अक्टूबर को की गई जिसके कारण ज्यादातर आयोजक आवश्यक लाइसेंस और अनुमति हासिल नहीं कर सके। पिछले 15 सालों से रामलीला आयोजकों को अभिनेता, नृत्य करने वाले लोग और सहायक टीमें प्रदान करने वाले संस्कृति कला संगम को इस वर्ष कहीं से रामलीला का आमंत्रण नहीं मिला तो समूह के निदेशक यश चौहान ने डिजिटल माध्यमों से रामायण की कहानी कहने का निर्णय लिया। संगम समूह ने कई वर्षों तक अयोध्या, चित्रकूट, मेरठ और रोहतक में रामलीला का मंचन किया है। दिल्ली में यमुना किनारे रामायण की शूटिंग कुछ दिन पहले ही पूरी करने के बाद चौहान यूट्यूब और फेसबुक के माध्यम से दशहरे तक इसका प्रसारण कर रहे हैं। उन्होंने गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए शूटिंग तो पूरी कर ली लेकिन कहा कि सामाजिक दूरी का पालन करना काफी मुश्किल काम था।
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चौहान ने कहा,“हम मंच पर सामाजिक दूरी कैसे रखेंगे? जब तक राम और भरत गले न मिलें, हम भरत-मिलाप कैसे दिखाएंगे?” भक्तों द्वारा राम की जन्मभूमि मानी जाने वाली ऐतिहासिक नगरी अयोध्या में सरयू नदी के तट पर एक और भव्य रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। दूरदर्शन, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली अयोध्या की रामलीला में दिल्ली के भाजपा सांसद और अभिनेता मनोज तिवारी अंगद, गोरखपुर के भाजपा सांसद और अभिनेता रवि किशन भरत और विंदू दारा सिंह हनुमान की भूमिका निभा रहे हैं। कई आयोजकों ने उन्हें तैयारी करने के वास्ते पर्याप्त समय नहीं देने के लिए दिल्ली सरकार को दोषी ठहराया। दिल्ली की लव कुश रामलीला समिति के सचिव अर्जुन कुमार ने पीटीआई-को बताया ‘‘रामलीला की तैयारी के लिए कम से कम दो माह लगते हैं। ऐसा लगता है कि सरकार नहीं चाहती कि हम मंचन करें। लाला किला मैदान में इस समिति द्वारा आयोजित रामलीला को देखने के लिए जानी-मानी हस्तियां पहुंचती हैं। कुमार ने कहा ‘‘हम कोविड की गंभीरता समझते हैं लेकिन वे हमें तैयारियों के लिए दो माह का समय तो दे ही सकते थे। गिनेचुने दिनों में आयोजक कितनी अनुमति ले पाएंगे ?’’ उन्होंने कहा ‘‘हम मानक संचालन प्रक्रिया का इंतजार करते रहे और इसकी वजह से तैयारियां नहीं कर पाए। अंतत: हमने इस साल रामलीला का आयोजन न करने का फैसला किया।
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