शाहीनबाग प्रदर्शन ‘पूरी तरह से साम्प्रदायिक’, अन्य का चिंतित होना स्वाभाविक: विजय रूपाणी

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[email protected] । Jan 29 2020 8:03PM

सीएए विरोधी प्रदर्शनों के बारे में पूछे जाने पर जिसमें आईआईएम अहमदाबाद के कुछ छात्र और फैकल्टी शामिल हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें संस्थान और राज्य में अन्य जगह से कुछ मुट्ठी भर लोग शामिल हुए जबकि राज्य में कई नगरों में कानून के समर्थन में आयोजित होने वाली रैलियों में 10 हजार से 25 हजार लोग शामिल हुए।

नयी दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बुधवार को कहा कि शाहीनबाग में प्रदर्शन ‘‘पूरी तरह से साम्प्रदायिक’’ है और इससे अन्य लोग चिंतित हैं। रूपाणी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं द्वारा दिये गए विवादास्पद बयानों का बचाव किया और दलील दी कि वे देश की अखंडता के समर्थन में खड़े हैं जबकि अन्य पक्ष उसके ‘‘खिलाफ’’ है। रूपाणी यहां भाजपा के पक्ष में प्रचार करने के लिए आये हुए थे। उन्होंने पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की मुफ्त बिजली और मुफ्त परिवहन जैसी सुविधाओं के खिलाफ बात की और कहा कि राज्य ऐसी ‘‘सस्ती लोकप्रियता’’ के जरिये प्रगति नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि उक्त धनराशि का इस्तेमाल लोगों की आय बढ़ाने के वास्ते आधारभूत ढांचा और योजनाओं के निर्माण पर किया जाना चाहिए।’’

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रूपाणी ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों, विशेष तौर पर यहां शाहीनबाग में प्रदर्शन की आलोचना करते हुए कहा कि इनसे किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होती और इसका उद्देश्य केवल लोगों को ‘‘गुमराह करना और भड़काना’’ है। रूपाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के इन बयानों के बावजूद सीएए के खिलाफ प्रदर्शन जारी हैं कि संशोधित नागरिकता कानून किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं है।  रूपाणी ने कहा, ‘‘वहां (शाहीनबाग) बैठे लोग कौन हैं? वे किस समुदाय से हैं? वे वहां क्यों बैठे हैं? यह पूरी तरह से साम्प्रदायिक है। इसलिए अन्य का चिंतित होना स्वभाविक है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से देश की अखंडता के खिलाफ काम करने वाले लोग शाहीनबाग प्रदर्शन के पीछे हैं। इस कारण से यह दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक मुद्दा बन गया है। दिल्ली के लोग चिंतित हैं और वे राष्ट्रीय हित के बारे में सोच रहे हैं जबकि जो ‘टुकड़े टुकड़े’ का हिस्सा हैं उन्होंने प्रदर्शन का साम्प्रदायिकरण किया है।’’

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उन्होंने प्रदर्शन के लिए कांग्रेस, केजरीवाल और जेएनयू समूहों को जिम्मेदार ठहराया। दिल्ली में आम आदमी पार्टी को सत्ता से हटाने के लिए भाजपा पूरा जोर लगाये हुए है और उसके शीर्ष नेता अपने व्यापक प्रचार में शाहीनबाग प्रदर्शन का मुद्दा उठा रहे हैं। भाजपा ने चुनाव प्रचार में वरिष्ठ नेताओं को उतारा है जिसमें गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा के अलावा राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शामिल हैं।  भाजपा के कुछ नेताओं के विवादास्पद टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, जिसमें केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का एक नारा भी शामिल था, रूपाणी ने इसके जवाब में सवाल किया कि उन नारों का क्या जिनमें निजी तौर पर मोदी और शाह पर निशाना साधा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने ठाकुर और भाजपा सांसद परवेश वर्मा को उनकी आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची से हटाने का आदेश दिया है। रूपाणी ने कहा, ‘‘हमें विवादों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। आपको अंतर्निहित विचारधाराओं पर गौर करना चाहिए। एक पक्ष (भाजपा) की ओर से राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय हित के मुद्दों के बारे में बोला जा रहा है जबकि दूसरा पक्ष देश को तोड़ने के बारे में बातें कर रहा है।’’ उन्होंने कहा कि केजरीवाल को जाकर शाहीनबाग प्रदर्शनकारियों से मिलना चाहिए क्योंकि ‘‘वे आपके लोग हैं।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं के उनके मिलने जाने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि उनका आंदोलन पार्टी के खिलाफ है।

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गुजरात में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के बारे में पूछे जाने पर जिसमें आईआईएम अहमदाबाद के कुछ छात्र और फैकल्टी शामिल हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें संस्थान और राज्य में अन्य जगह से कुछ मुट्ठी भर लोग शामिल हुए जबकि राज्य में कई नगरों में कानून के समर्थन में आयोजित होने वाली रैलियों में 10 हजार से 25 हजार लोग शामिल हुए। रूपाणी ने इस आरोप को खारिज किया कि भाजपा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भाजपा विकास के मुद्दे पर भी चुनाव लड़ रही है क्योंकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने अधिकतर वादे पूरे करने में ‘‘असफल’’ रहे हैं। आप सरकार के विकास के दावों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘यमुना साफ नहीं की जा सकी। लोगों को पीने के लिए दूषित पानी मिल रहा है। सरकारी स्कूलों में नये शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है लेकिन केजरीवाल का दावा है कि उन्होंने 20 हजार नयी कक्षाओं का निर्माण किया। लेकिन शिक्षक कहां हैं? वह अपने विकास के दावों के बारे में पूरी तरह से झूठ बोल रहे हैं।’’ केजरीवाल सरकार की मुफ्त सुविधा वाली योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर रूपाणी ने कहा कि सरकारों को गरीबी उन्मूलन के लिए लोगों के सशक्तिकरण के लिए काम करना चाहिए और मुफ्त सुविधाओं की मानसिकता को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। 

 

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