शिवसेना सांसद ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, नारायण राणे को बर्खास्त करने की मांग की

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केन्द्रीय मंत्रिमंडल में हाल ही में शामिल हुए राणे ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं।

मुंबई। शिवसेना के सांसद विनायक राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे को केन्द्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है। राणे के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक बयान देने के बाद राउत ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर यह मांग की है। राउत ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि राणे खुद ऐसी का इस्तेमाल कर समाज को क्या संदेश देंगे। उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘ यह इस देश के प्रधानमंत्री के लिए भी अपमानजनक है।’’

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केन्द्रीय मंत्रिमंडल में हाल ही में शामिल हुए राणे ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं। राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान कहा, ‘‘ यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि देश की आजादी को कितने साल हो गए हैं। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़ कर इस बारे में पूछते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता।’’ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके राणे पहले शिवसेना में थे, जो बाद में कांग्रेस में और फिर, 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए।

राणे के बयान का जिक्र करते हुए राउत ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि राणे जैसे शख्स, जो यह भूल गए कि वह किस पद का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्हें पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि उनका इस्तीफा लें और उन्हें अपने मंत्रिमंडल से हटाएं।’’ रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट से नारायण राणे के बेटे नीलेश को मात देने वाले राउत ने प्रधानमंत्री के तत्काल मामले पर गौर करने की उम्मीद भी जतायी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने भी राणे की मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई टिप्पणी की निंदा की है। महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है। पाटिल ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे द्वारा जिस का इस्तेमाल किया गया वह निंदनीय है। यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किस तरह के मंत्रिमंडल सहयोगियों को अपने इर्द-गिर्द जगह दी है।’’ राकांपा के नेता ने कहा कि उन्हें याद नहीं आता कि पहले किसी नेता ने ऐसी का इस्तेमाल किया हो।

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शिवसेना कार्यकर्ताओं ने राज्य के कई हिस्सों में राणे के बयान के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। इस मामले को लेकर मुंबई में राणे के आवास के पास शिवसेना और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई। राज्य के जल संसाधन मंत्री पाटिल ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि राज्य के कुछ हिस्सों में हुई हिंसा में अकेले शिवसेना कार्यकर्ता शामिल थे या नहीं। उन्होंने कहा, ‘‘ राज्य गृह विभाग को इसकी बेहतर जानकारी होगी।’’ ऐसी घटनाओं से राजनीति का स्तर गिरने के सवाल पर पाटिल ने कहा, ‘‘ राजनीति का स्तर नीचे नहीं गिरा है लेकिन कुछ लोग जरूर नीचे गिर गए हैं। ठाकरे के खिलाफ राणे की टिप्पणी न केवल मुख्यमंत्री का, बल्कि लोगों का भी अपमान है।’’ कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि राणे का मुख्यमंत्री के खिलाफ बयान राज्य की संस्कृति के खिलाफ है।

पटोले ने नांदेड़ में पत्रकारों से कहा, ‘‘ पहले हमें लगता था कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में महाराष्ट्र से अधिक मंत्री होने से राज्य को फायदा होगा, लेकिन नारायण राणे की ऐसी टिप्पणी राज्य का माहौल खराब कर रही है। हम उनके बयान का विरोध करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि कानून अपराध करने वालों के खिलाफ अपना काम करेगा। शिवसेना की युवा शाखा के नेता वरुण सरदेसाई ने पूछा कि क्या भाजपा, ठाकरे के खिलाफ इस्तेमाल की गई राणे की का समर्थन करती है। उन्होंने कहा, ‘‘ क्या यह वही अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी वाली भाजपा है? उन्हें इस पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।’’ शिवसेना नेता ने यह भी कहा कि उन्होंने किसी को भी मुंबई में राणे के आवास के बाहर एकत्रित होने को नहीं कहा था। महाराष्ट्र के मंत्री एवं राकांपा नेता हसन मुशरिफ ने भी राणे के बयान की निंदा की और आरोप लगाया कि भाजपा राणे जैसे नेताओं के जरिए विवाद खड़ा कर राज्य सरकार को अस्थिर करना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता कि वे ऐसा करने में सफल होंगे।’’ राज्य के कृषि मंत्री एवं शिवसेना नेता दादा भुसे ने कहा, ‘‘ राणे बीमार प्रतीत होते हैं और उन्हें इलाज की जरूरत है। भाजपा अपनी गंदी राजनीति के जरिए लोगों की जिंदगियों के साथ खेल रही है।’’ भुसे ने राणे की यात्रा में लोगों के एकत्रित होने का जिक्र करते हुए कहा कि कोविड-19 की स्थिति अब भी गंभीर है।

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