शिवसेना एनडीए से अलग हुई, आदित्य ठाकरे चुने गये पार्टी नेता

Shiv Sena split from NDA, will contest Lok Sabha elections alone

शिवसेना ने आज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग होने का फैसला किया। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में निर्णय लिया गया कि शिवसेना लोकसभा और विधानसभा का चुनाव अकेले लड़ेगी।

शिवसेना ने आज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग होने का फैसला किया। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में निर्णय लिया गया कि शिवसेना लोकसभा और विधानसभा का चुनाव अकेले लड़ेगी। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि पार्टी केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से बाहर होगी या नहीं। इसके साथ ही आदित्य ठाकरे को पार्टी का नेता चुना गया जोकि पार्टी की नीतियां निर्धारित करेंगे। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कहा है कि उनकी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।

शिवसेना कार्यकारिणी की बैठक पार्टी के अध्यक्ष के चुनाव के लिए बुलाई गई थी। इसमें अनेक पार्टी नेताओं ने भाजपा का साथ छोड़ने का सुझाव दिया। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने भाजपा नेताओं को राज्य विधानसभा चुनावों के लिए तैयार होने को कहा था। माना जा रहा है कि राज्य में समय से पहले इसी वर्ष नवंबर में विधानसभा के चुनाव कराये जा सकते हैं।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्टी ने यह सुनिश्चित करने के लिए दूसरे राज्यों में चुनाव नहीं लड़ा कि हिंदू वोट बंटने न पाए, लेकिन भविष्य में पार्टी सभी विधानसभा चुनाव लड़ेगी, चाहे नतीजा कुछ भी आए।  उन्होंने उग्रवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर पर ध्यान देने की बजाय इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ पतंग उड़ाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा।

उद्धव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार सिर्फ विज्ञापनों पर पैसे खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार को सत्ता से बेदखल कर देना चाहिए। केंद्र एवं महाराष्ट्र की सरकार में शामिल भाजपा एवं शिवसेना के रिश्तों में पिछले कई महीनों से कटुता रही है। 

शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शिवसेना सांसद संजय राउत की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया कि पार्टी भाजपा से नाता तोड़कर अगले साल होने वाले चुनाव अकेले लड़ेगी। प्रस्ताव पेश करते हुए राउत ने कहा, ‘‘2019 में लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने के लिए मैं शिवसेना के लिए प्रस्ताव पेश करता हूं।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों में कम से कम 25 सीटों पर जीत हासिल करेगी जबकि राज्य की कुल 288 विधानसभा सीटों में उसे कम से कम 150 सीटें मिलेंगी। 

राउत ने कहा, ‘‘हिंदुत्व के नाम पर भाजपा ने शिवसेना से गठबंधन किया और शिवसेना ने हिंदुत्व की खातिर धैर्य बनाए रखा। बहरहाल, भाजपा पिछले तीन साल से शिवसेना का मनोबल तोड़ रही है और इसके लिए ताकत का इस्तेमाल कर रही है।’’ शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं ने राउत के प्रस्ताव का समर्थन किया। 

भाजपा ने शिवसना पर पलटवार करते हुए कहा कि लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने के शिवसेना के फैसले का नुकसान उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी को ही होगा।  भाजपा की मुंबई इकाई के प्रमुख आशीष शेलार ने कहा, ‘‘इससे उनका नुकसान होगा।’’ शेलार ने कहा, ‘‘हम गठबंधन को लेकर गंभीर थे। लेकिन यदि शिवसेना गंभीर नहीं है तो भाजपा (अकेले लड़ने के लिए तैयार है) और महाराष्ट्र भी तैयार है।’’

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