Shiv Sena ( उद्धव गुट ) ने सभी विधानसभा सीटों पर बढ़त के साथ जीती है Osmanabad की सीट, आगामी चुनाव में दिलचस्प होगा मुकाबला

Shiv Sena Uddhav
प्रतिरूप फोटो
ANI
Prabhasakshi News Desk । Aug 11 2024 8:17PM

उस्मानाबाद को धाराशिव के नाम से भी जाना जाता है। यहां से शिवसेना (यूबीटी) के टिकट पर ओमप्रकाश भूपाल सिंह उर्फ ​​पवन राजेनिम्बालकर ने सभी विधानसभा सीटों पर बढ़त बनाकर जीत दर्ज की थी। जिला मुख्यालय होने के करण उस्मानाबाद क्षेत्र में कई बड़े दफ्तर हैं। यह क्षेत्र मराठवाड़ा इलाके में आता है।

उस्मानाबाद महाराष्ट्र राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से एक निर्वाचन क्षेत्र है। जिसे धाराशिव के नाम से भी जाना जाता है। यहां से शिवसेना (यूबीटी) के टिकट पर ओमप्रकाश भूपाल सिंह उर्फ ​​पवन राजेनिम्बालकर ने सभी विधानसभा सीटों पर बढ़त बनाकर जीत दर्ज की थी। जिला मुख्यालय होने के करण उस्मानाबाद क्षेत्र में कई बड़े दफ्तर हैं। यह क्षेत्र मराठवाड़ा इलाके में आता है। यहां का परांडा किला, नलदुर्ग किला, तुजलापुर का मंदिर, जैन मंदिर, घाटशिला, कुंतल गिरी और गरीब बाबा मठ उस्मानाबाद के लोकप्रिय और प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं। 6 विधानसभाओं वाली यह लोकसभा सीट तीन जिलों में फैली हुई है। जिसके अंतर्गत लातूर, उस्मानाबाद और सोलापुर जिले आते हैं। तो वहीं, विधानसभा के दृष्टिगत उस्मानाबाद लोकसभा क्षेत्र में औसा, उमरगा, तुजलापुर, उस्मानाबाद, परंडा और बार्शी शामिल हैं।

उस्मानाबाद लोकसभा सीट में शामिल औसा विधानसभा लातूर जिले का एक क्षेत्र है। इस विधानसभा का कुछ भाग उस्मानाबाद तो कुछ भाग लातूर लोकसभा क्षेत्र में भी आता है। राज्य के गठन से लेकर पिछले चुनाव तक औसा ने लगभग सभी पार्टियों को बराबर का मौका दिया है। जिसके चलते 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी भी यहां से अपना खाता खोलने में सफल रही थी। वर्तमान में अभिमन्यु पवार औसा के विधायक हैं। जबकि पिछली दो पंचवर्षियों में कांग्रेस के बसवराज पाटिल भी विधायक रहे हैं। अभिमन्यु पवार बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य रहे हैं। उन्हें राज्य में देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री का पर्सनल असिस्टेंट भी बनाया गया था। 

इस लोकसभा क्षेत्र की एकमात्र आरक्षित विधानसभा सीट उमरगा है। जो पूरी तरह से उस्मानाबाद जिले के अंतर्गत ही आती है। इस सीट पर 2004 से ही शिवसेना का कब्जा है। पहले रविंद्र गायकवाड और अब चौगले ज्ञानराज धौंडीराम इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनके पहले कांग्रेस भी यहां मजबूत मजबूत स्थित में रही है। बीजेपी इस सीट पर अब तक अपना खाता खोलने में नाकामयाब ही रही है। तुलजापुर विधानसभा की सीट पर भारतीय जनता पार्टी पिछले चुनाव में अपना खाता खोलने में सफल रही थी। जहां से पार्टी के नेता राणा जगजीत सिंह पाटिल वर्तमान विधायक हैं। उन्होंने यह सीट कांग्रेस के मधुकरराव चव्हाण से छीनी थी। जो 1999 से लगातार चार बार विधायक रह चुके थे। तुजलापुर पूरी तरह से उस्मानाबाद जिले में ही आती है। विधायक पाटिल महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के भतीजे और पूर्व गृहमंत्री पद्मसिंह बाजीराव पाटील के पुत्र हैं। 

महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री पद्मसिंह पाटिल के कारण प्रसिद्ध उस्मानाबाद विधानसभा सीट पूरी तरह से उस्मानाबाद जिले के अंतर्गत ही आती है। यहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पद्म सिंह लगातार 30 साल तक विधायक रहे हैं। अपने राजनीतिक सफर के अंतिम दौर में उन्होंने कांग्रेस को छोड़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन कर लिया था। उन्होंने इस सीट का 1978 से लेकर 2009 तक प्रतिनिधित्व किया है। वर्तमान में शिवसेना (यूबीटी) के नेता कैलाश पाटिल यहां से विधायक हैं। 

उस्मानाबाद लोकसभा सीट और जिले के तहत ही आने वाली एक अन्य विधानसभा सीट परंडा भी है। जहां से बीजेपी कभी भी चुनाव नहीं जीत सकी है। वर्तमान में इस सीट से तानाजी सावंत विधायक हैं, जो एकनाथ शिंदे के गुट वाली शिवसेना के नेता हैं। उन्हें सरकार में पब्लिक हेल्थ और परिवार कल्याण विभाग की जिम्मेदारी भी सौंप गई है। उनके पहले एनसीपी के राहुल मोते लगातार तीन बार विधायक रहे हैं। उस्मानाबाद लोकसभा क्षेत्र में सोलापुर जिले की एकमात्र बार्शी सीट भी आती है। बार्शी को देश के पहले आम चुनाव के दौरान ही विधानसभा क्षेत्र का दर्ज मिल गया था। जहां से शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस नियमित अंतराल पर चुनाव जीतती रही हैं। वर्तमान में यहां से राजेंद्र राउत विट्ठल विधायक हैं। जिन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना पर्चा दाखिल किया था। इससे पहले भी विट्ठल 2004 में शिवसेना के टिकट पर विधायक चुने जा चुके हैं।

उस्मानाबाद लोकसभा सीट पर हुए पहले चुनाव 1952 से 1996, 44 सालों तक कांग्रेस पार्टी का एकछत्र राज रहा। 1952 में हुए पहले चुनाव में यहां कांग्रेस पार्टी के राघवेंद्र श्रीनिवासराव दिवाण ने जीत दर्ज की थी। एक समय में उस्मानाबाद कांग्रेस पार्टी का किला था लेकिन बाद में यह शिवसेना का गढ़ बन गया है। इस क्षेत्र का आधिकारिक नाम धाराशिव है। बीजेपी ने यहां एकबार भी जीत दर्ज नहीं की है। उस्मानाबाद लोकसभा सीट की सभी विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और मुसलमान हार जीत का फैसला करते हैं। यहां अनुसूचित जाति की जनसंख्या लगभग 16 10% और मुसलमान 10% हैं। इसके अलावा आदिवासी समाज भी उस्मानाबाद में लगभग 2% है।

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