मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दुर्ग पहुंचे, मोतीलाल वोरा को दी श्रद्धांजलि

Shivraj Singh Chouhan
अनिल रतेरिया । Dec 22 2020 7:50PM

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्टेट प्लेन से पहले रायपुर एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से हेलीकॉप्टर से सीधे दुर्ग पहुंचे और उनके निवास जाकर उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री के पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।

रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के निधन पर दुर्ग जिले में शोक का माहौल है। वोरा की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए पद्मनाभपुर स्थित उनके निवास पर रखा गया है। उन्हें श्रद्धांजलि देने उनके पुराने मित्र, करीबी व्यक्तियों, आम जनता के साथ ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दुर्ग पहुंचे। शिवराज सिंह चौहान के साथ ही बृजमोहन अग्रवाल सहित कई भाजपा नेता भी वोरा के निवास पहुंचे। 

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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्टेट प्लेन से पहले रायपुर एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से हेलीकॉप्टर से सीधे दुर्ग पहुंचे और उनके निवास जाकर उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री के पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि देने छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूईया उइके भी दुर्ग स्थित उनके निवास पहुंची। इस दौरान उन्होंने भी वोरा के पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें नमन किया।

वोरा के निधन से पूरे दुर्ग में शोक का माहौल है। अपने प्रिय नेता के अंतिम दर्शन के लिए जहां लोग उनके निवास स्थान पहुंच रहे हैं। वहीं उनकी अंतिम यात्रा के लिए तय किये गए रुट पर जगह-जगह लोगों का और संगठनों का जमावड़ा है। सभी अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि देने और उनके अंतिम दर्शन के लिए खड़े हैं। मोतीलाल वोरा अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा मोतीलाल का नाम रहेगा जैसे नारे लोग लगाते रहे। 

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इस मौके पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने वोरा के निधन पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा मोतीलाल जी वोरा के चरणों में श्रद्धांजलि सुमन अर्पित करने आया था। वो मध्यप्रदेश के ऐसे नेता थे जो आजादशत्रु थे। वो सबसे प्यार करते थे। अविभाजित मध्यप्रदेश के नेतृत्व की एक पूरी पीढ़ी चली गयी। वोरा जी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। कांग्रेस के कर्मठ नेता थे। कोई उनका विरोधी नहीं था। मुख्यमंत्री के रूप में वो आम आदमी के मुख्यमंत्री थे। अगर कोई विरोधी भी गया तो वोरा जी से जो हो सकता था उसके लिए कभी इनकार नहीं किये। मुझे याद है जब स्वर्गीय सुन्दर लाल पटवा जी के क्षेत्र में ओले गिरे थे तो तब वोरा जी मुख्यमंत्री थे। पटवा जी के साथ निरिक्षण करने चले गए थे। उस समय मैं युवा मोर्चा का नेता था। केवल कांग्रेस और छत्तीसगढ़ ने अपना नेता नहीं खोया देश ने कर्मठ राजनेता और समाजसेवी को खोया है।

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