निष्ठा की शपथ पर भारी पड़ा कांग्रेस छोड़ो अभियान, गोवा में हालत ऐसी की नहीं होगा कोई नेता प्रतिपक्ष!

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अभिनय आकाश । Sep 14 2022 9:57PM

गोवा में कांग्रेस में बड़ी फूट के कुछ घंटों बाद ही राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत ने कहा कि सब कुछ दैवीय सहमति से किया गया था। उनकी टिप्पणी तब आई जब पत्रकारों ने उन्हें इस साल की शुरुआत में गोवा विधानसभा चुनाव से पहले एक मंदिर और एक चर्च में कांग्रेस उम्मीदवारों द्वारा ली गई वफादारी की प्रतिज्ञा के बारे में याद दिलाया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों अपनी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं। लेकिन उनकी इधर पार्टी के नेताओं का कांग्रेस छोड़ो अभियान जारी है। याद होगा कि गोवा में विधानसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस पार्टी की तरफ से  गोवा में एक मंदिर, एक मस्जिद और एक चर्च में ले गई और उन्होंने निर्वाचित होने के बाद कभी भी पार्टी नहीं छोड़ने का संकल्प दिलवाया था। लेकिन फिर भी कांग्रेस के 11 में से 8 विधायक आज बीजेपी में शामिल हो गए। जिसके बाद राज्य में आलम ये हो गया है कि कोई नेता प्रतिपक्ष भी अब नहीं होगा। 

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गोवा में कांग्रेस में बड़ी फूट के कुछ घंटों बाद ही राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत ने कहा कि सब कुछ दैवीय सहमति से किया गया था। उनकी टिप्पणी तब आई जब पत्रकारों ने उन्हें इस साल की शुरुआत में गोवा विधानसभा चुनाव से पहले एक मंदिर और एक चर्च में कांग्रेस उम्मीदवारों द्वारा ली गई वफादारी की प्रतिज्ञा के बारे में याद दिलाया। कामत ने अपने दलबदल और प्रतिज्ञा के उल्लंघन को सही ठहराते हुए कहा कि मैं फिर से मंदिर गया और भगवान से पूछा कि क्या करना है। भगवान ने मुझसे कहा कि जो कुछ भी तुम्हारे लिए सबसे अच्छा है, वह करो। दिगंबर कामत और सात अन्य कांग्रेस विधायकों ने सत्तारूढ़ भाजपा का दामन थाम लिया। अब 40 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के केवल तीन विधायक बचे हैं। 

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बता दें कि 40 सदस्यों वाली गोवा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर दावा बरकरार रखने के लिए विधायी ताकत का दसवां हिस्सा भी नहीं बचा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष को विपक्ष के नेता की स्थिति पर फैसला करना होगा। विधानसभा चुनाव के वक्त गोवा में भी कांग्रेस ने पार्टी उम्मीदवारों को ईश्वर के सामने शपथ दिलाई गई थी कि वे निर्वाचित होने के बाद पाला नहीं बदलेंगे। कांग्रेस अपने उम्मीदवारों को बस से मंदिर, गिरिजाघर और दरगाह ले गई और उन्हें वहां दल बदल के खिलाफ शपथ दिलाई थी।  

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