मोदी सरकार के सामाजिक और राजनीतिक फैसले, जिसने बदली देश की तस्वीर

Modi government
अभिनय आकाश । May 29 2021 8:34PM

मोदी सरकार के पहला साल दूसरे के मुकाबले ज्यादा बेहतर रहा। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने में सफल रही और अयोध्या विवाद का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आया। इन सभी उपलब्धियों के इतर कोरोना काल में तमाम कड़े निर्णय लेने और उन्हें प्रभावी तरीके से लागू करवाने में सफलता की।

मोदी सरकार 2.0 के दो साल 30 मई यानी कल पूरे हो रहे हैं। नरेंद्र मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल अब तक कोरोना की चुनौतियों से भरा रहा है। गिरते अर्थव्यवस्था को संभालने का चैलेंज उससे भी बड़ा था। इन सब से कहीं आगे देश की जनता के भरोसे पर खरा उतरना था। इन दो सालों में तीन अहम एजेंडों में से दो राम मंदिर और अनुच्छेद 370 के लक्ष्य को पाने में सफलता मिली। हालांकि कोरोना की दूसरी लहर ने सरकार के सामने कई चुनौतियां भी खड़ी की। मोदी सरकार के पहला साल दूसरे के मुकाबले ज्यादा बेहतर रहा। पहले ही साल पार्टी जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने में सफल रही और अयोध्या विवाद का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आया। इन सभी उपलब्धियों के इतर कोरोना काल में तमाम कड़े निर्णय लेने और उन्हें प्रभावी तरीके से लागू करवाने में सफलता हासिल करने की वजह से मोदी सरकार की विश्व भर में काफी प्रशंसा हुई। विश्व के तमाम नेता मोदी सरकार के साथ-साथ पीएम मोदी की भी तारीफ कर चुके हैं।

आत्मनिर्भर भारत का मंत्र

प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर अभियान की भी शुरुआत की। कोरोना संकट के इस दौर का फायदा उठाने का मंत्र दिया। चाहे वो पीपीई किट बनाने की बात हो या एन 95 मास्क बनाने की बात हो। चाहे टेक्नोलाजी की बात हो या दवाईयां बनाने की बात हो। अब भारत को आत्मनिर्भर होना होगा और इस हद तक होना होगा जो कि इससे पहले देश कभी नहीं हुआ था। वहीं अब आगे का रास्ता है। इसके लिए अपनी क्वालिटी को सुधारने होगा और सप्लाई चेन को सुधारना होगा। लोकल के प्रति वोकल होना होगा।

कोरोना मैनेजमेंट

कोरोना संकट के दौर में जब विश्व की महाशक्ति देशों की हालत पतली हो गई, वहां भारत ने काफी हद तक हालात को काबू में रखा। हिन्दुस्तान जैसे विशालकायी देश में सत्तर दिन तक लॉकडाउन का पालन होता है तो यह अपने आप में एक उपलब्धि है, प्रधानमंत्री के एक आह्वाहन पर पूरा देश उनके पीछे खड़ा नजर आया और लॉकडाउन को सफल बनाने में कंधे से कंधा मिलाकर चलता नजर आया।

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सेंट्रल विस्टा योजना 

अंग्रेजों के जमाने में बना भारत का संसद भवन अब सिर्फ इतिहास में रह जाएगा। मौजूदा संसद भवन के पास नए संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है। मनगठंत आरोप लगाकर, उल्टी सीधी लागत बताकर और अब कोरोना के नाम पर इस प्रोजेक्ट को रोकने की बात करने वाले विपक्ष के दबाव में सरकार नहीं आई। ये तमाम सेंट्रल विस्टा योजना कोरोना महामारी के फैलने के पहले की है और कोरोना के फंड से इसका कोई लेना देना नहीं। सरकार ने इस आरोप को सिरे से नकार दिया कि पूरे प्रोजेक्ट पर 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो रहे हैं।

आम और खासस की सोच में परिवर्तन

नरेंद्र मोदी लोगों के नेता हैं और वे आमजन की समस्याओं को हल करने और उनके जीवन स्तर में सुधार करने के लिए समर्पित हैं। लोगों के बीच रहने, उनके साथ खुशियाँ साझा करने और उनके दुखों को दूर करने से ज्यादा कुछ भी उनके लिए संतोषजनक नहीं है। ऐसे दौर में जब लोगों का भरोसा राजनीति और राजनेताओं पर कम ही होता है। इस दौर में लाल बत्ती कल्चर खत्म कर और पूर्व प्रधानमंत्रियों को मिलने वाली सुविधाएं हटाकर पीएम मोदी ने आम जनता का भरोसा मजबूत किया और आम व खास की सोच में भी परिवर्तन किया। वो भी तब जब गद्दी पर बैठने के बाद ज्यादातर नेतागण अपने भविष्य की सोच फैसले करने की ताक में रहते हैं। 

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