निषादों ने ललकारा, बिहार ही नहीं... अब यूपी चुनाव में 'सन ऑफ मल्लाह' की एंट्री

mukesh sahani
अंकित सिंह । Jul 3 2021 3:17PM

उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर उनकी पार्टी योजना बना रही है। उन्होंने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश में पार्टियां काम नहीं कर पा रही हैं और इसका फायदा हम उठाएंगे। बिहार में भाजपा और एनडीए की सहयोगी वीआईपी पार्टी उत्तर प्रदेश में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने है। सभी राजनीतिक दलों ने इसके लिए अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है। ऐसे राजनीतिक दल भी हैं जो पहली बार इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने की कोशिश में हैं। इसी में बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी की पार्टी भी शामिल है। मुकेश सहनी ने उत्तर प्रदेश चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। मुकेश सहनी ने कहा कि यूपी एक खाली मैदान है और मैं उसमें खेलूंगा। उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर उनकी पार्टी योजना बना रही है। उन्होंने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश में पार्टियां काम नहीं कर पा रही हैं और इसका फायदा हम उठाएंगे। बिहार में भाजपा और एनडीए की सहयोगी वीआईपी पार्टी उत्तर प्रदेश में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। 

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विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर मुकेश सहनी लखनऊ भी पहुंच चुके हैं। अपने स्वागत के लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश की जनता का आभार भी जताया है। उत्तर प्रदेश दौरे के दौरान उनकी पार्टी की ओर से अखबारों में खूब प्रचार भी करवाए गए। अखबारों में मोटे और बड़े अक्षरों में लिखा है आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं। साथ ही साथ, इन अखबारों में यह भी लिखा है 'निषादों ने ललकारा है बिहार ही नहीं उत्तर प्रदेश में भी सरकार बनाना है।' अखबार में छपी प्रचार पर मुकेश सहनी की बड़ी तस्वीर है।

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बिहार सरकार में पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने बताया कि उनकी पार्टी 3 साल पुरानी है और उसके चार एमएलए और एक एमएलसी है। इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश की निषाद पार्टी पर भी हमला किया। मुकेश सहनी ने कहा कि अगर निषाद पार्टी की राजनीति अच्छी होती तो अब तक वह सरकार बना ली होती। एक सीट के लिए पार्टी ने अपना सिद्धांत भुला दिया। उन्होंने कहा कि 2017 से लगातार हम यूपी में काम कर रहे थे। निषाद समाज को आरक्षण दिलाने का काम करते कहेंगे। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में निषाद समाज का वोट बैंक अच्छा खासा है। पूर्वांचल में निषाद समाज निर्णायक भूमिका में होते हैं। 

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