चिटफंड कंपनियों और उर्वरकों की कालाबाजारी पर सख्त कार्यवाही, जिला प्रशासन ने करवाई एफआईआर दर्ज

 black marketing of chit fund companies
दिनेश शुक्ल । Dec 4 2020 10:34PM

संयुक्त जांच टीम द्वारा मौका जांच में यह पाया गया कि उक्त गोदाम में शासन के निर्देशों के विपरीत भूमिहीन व्यक्तियों को यूरिया का विक्रय किया गया है। विक्रय रजिस्टर एवं बिल बुक में भी नियमों का पालन नहीं किया गया है और ना ही कृषकों के हस्ताक्षर लिए गये हैं।

भोपाल। मध्य प्रदेश के  होशंगाबाद जिले में भू-माफिया, राशन माफिया, चिटफंड कंपनियों एवं अन्य चिन्हित अपराधों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा सख्त कार्यवाही की जा रही है। वित्तीय लेन-देन में गड़बड़ी करने वाली 6 चिटफंड कंपनियों एवं खाद की कालाबाजारी करने वाले एक आरोपित के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा बड़ी कार्यवाही कर एफआईआर दर्ज कराई गई है।

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कलेक्टर न्यायालय द्वारा मध्य प्रदेश में निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत 6 चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध कार्रवाई की गई है। न्यायालय कलेक्टर द्वारा शुक्रवार को पारित आदेश में स्पष्ट किया गया है कि चिट फंड कंपनियों द्वारा बिना सूचना के जिले में व्यवसाय किया जाकर निक्षेपकों से राशि प्राप्त की गई तथा नियत समय में उन्हें ब्याज सहित राशि वापिस नहीं की गई। न्यायालय कलेक्टर द्वारा 52 करोड़ 91 लाख 30 हजार 567 रुपये मय ब्याज 12 प्रतिशत से वसूली किये जाने के आदेश इन 6 चिटफंड कंपनियो के संचालकों के विरूद्ध जारी किये गये हैं।

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होशंगाबाद कलेक्टर धनंजय सिंह भदौरिया ने बताया कि जिन चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध यह कार्यवाही की गई है उनमें परिवार डेयरी एंडएलाइड लिमिटेड ग्वालियर, जेएसव्ही डेव्हलपर्स इंडिया लिमिटेड मुरैना, यूएसके इंडिया लिमिटेड धार, मालवांचल इंडिया लिमिटेड नई दिल्ली, जय विनायक बिल्ड कार्प लिमिटेड नागपुर/नई दिल्ली एवं स्कायलार्क लैंड डेव्हलपर्स इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया लिमिटेड ग्वालियर शामिल हैं।

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इसी श्रृंखला में खाद की कालाबाजारी पर मार्कफेड गोदाम प्रभारी रामसिया गुप्ता के विरूद्ध थाना इटारसी में एफआईआर दर्ज कराई गई है। एसडीएम इटारसी द्वारा मार्कफेड गोदाम खेड़ा इटारसी की सघन जांच कर वरिष्ठ सहायक गोदाम प्रभारी द्वारा नियम विरूद्ध यूरिया का गलत तरीके से वितरण कर कालाबाजारी किये जाने पर थाना इटारसी में एफआईआर दर्ज कराई गई है। बताया गया है कि गोदाम प्रभारी द्वारा गंभीर अनियमितता करते हुए 22 किसानों को गलत तरीके से यूरिया का विक्रय किया गया।

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संयुक्त जांच टीम द्वारा मौका जांच में यह पाया गया कि उक्त गोदाम में शासन के निर्देशों के विपरीत भूमिहीन व्यक्तियों को यूरिया का विक्रय किया गया है। विक्रय रजिस्टर एवं बिल बुक में भी नियमों का पालन नहीं किया गया है और ना ही कृषकों के हस्ताक्षर लिए गये हैं। गोदाम प्रभारी द्वारा जिले के बाहर के व्यक्तियों को भी उर्वरकों का विक्रय किया गया है। पीओएस मशीन से एक ही मात्रा के 100 बोरी के बिल कई बार काटे गये हैं, जो गंभीर अनियमितता की श्रेणी में आते हैं।

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