अचानक राष्ट्रपति शासन का हटना और इस प्रकार शपथ दिलाना कौनसी नैतिकता है: गहलोत

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महाराष्ट्र में बदले राजनैतिक समीकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों अंतरात्मा से दोषी होकर शपथ ली है और वे महाराष्ट्र में सुशासन दे पाएंगे इसमें संदेह है, जिसका नुकसान महाराष्ट्र की जनता को होगा।

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को हटाकर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को शपथ दिलाये जाने की नैतिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में जो हुआ वह छिपकर करने की क्या आवश्यकता थी, इस प्रकार अचानक राष्ट्रपति शासन का हटना और इस प्रकार शपथ दिलाना कौनसी नैतिकता है?

महाराष्ट्र में बदले राजनैतिक समीकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों अंतरात्मा से दोषी होकर शपथ ली है और वे महाराष्ट्र में सुशासन दे पाएंगे इसमें संदेह है, जिसका नुकसान महाराष्ट्र की जनता को होगा। गहलोत ने ट्वीट पर कहा कि ये लोग देश में लोकतंत्र को किस दिशा में ले जा रहे हैं। समय आने पर देशवासी इसका जवाब देंगे और बीजेपी को सबक सिखाएंगे।

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उन्होंने कहा, ‘‘इस माहौल में फडणवीस जी मुख्यमंत्री के रूप में कामयाब हो पाएंगे, यह डाउटफुल है... सीएम और डिप्टी सीएम दोनों ने गिल्टी कॉन्शियस होकर शपथ ली है वे गुड गवर्नेंस दे पाएंगे इसमें संदेह है जिसका नुकसान महाराष्ट्र की जनता को होगा।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में जो हुआ वह छिपकर करने की क्या आवश्यकता थी, इस प्रकार अचानक राष्ट्रपति शासन का हटना और इस प्रकार शपथ दिलाना कौनसी नैतिकता है? 

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