सुन्नी उलेमा परिषद ने कहा- हमारा अज़ान 2-3 मिनट में पूरा हो जाता है, 24 घंटे के अखंड पाठ पर कुछ नहीं कहते
हाजी मोहम्मद सालीस ने कहा कि कुछ हिंदू ताकतें देश को नफरत की ओर धकेल रही हैं, जो जायज नहीं है। हमारा अज़ान 2-3 मिनट में पूरा हो जाता है, उन्हें भी इससे दिक्कत है। वे अपने 24 घंटे के अखंड पाठ में (शोर) प्रदूषण नहीं देखते हैं।
देश में लाउडस्पीकर के जरिए अजान को लेकर मुद्दा गर्म है। कर्नाटक में मस्जिदों में लाउडस्पीकर को लेकर चेतावनी के साथ ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था। कई हिंदू संगठन खुलकर लाउडस्पीकर के जरिए आज़ान के खिलाफ बोल रहे हैं। मुद्दा महाराष्ट्र से शुरू हुआ था जहां राज ठाकरे ने यह कहा था कि अगर अजान लाउडस्पीकर पर बजेगा तो वह सामने से हनुमान चालीसा लाउडस्पीकर पर बजाएंगे। यह मामला फिलहाल तूल पकड़ता जा रहा है। इसी कड़ी में सुन्नी उलेमा परिषद का भी बयान सामने आया है। सुन्नी उलेमा परिषद के महासचिव हाजी मोहम्मद सालीस ने कहा कि अजान तो दो-तीन मिनट में पूरी हो जाती है, उन्हें इससे भी समस्या है जबकि वे 24 घंटे अखंड पाठ से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को नहीं देख रहे।
अपने बयान में हाजी मोहम्मद सालीस ने कहा कि कुछ हिंदू ताकतें देश को नफरत की ओर धकेल रही हैं, जो जायज नहीं है। हमारा अज़ान 2-3 मिनट में पूरा हो जाता है, उन्हें भी इससे दिक्कत है। वे अपने 24 घंटे के अखंड पाठ में (शोर) प्रदूषण नहीं देखते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि माहौल ऐसा है कि अगर हम सिर पर टोपी पहनते हैं, दाढ़ी रखते हैं, या हिजाब पहनते हैं तो समस्या है, मॉब लिंचिंग हो रही है। हम जो खाते हैं उस पर भी उनकी नजर होती है।UP | Some Hindu forces are pushing the nation towards hatred, which is not justified. Our Aazaan gets completed in 2-3 minutes, they have a problem with that as well. They don't see (noise) pollution over their 24hr Akhand Path: Haji M Salees, Gen Secretary, Sunni Ulema Council pic.twitter.com/seYPLG2b9d
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 7, 2022
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वहीं, दिग्गज गायिका अनुराधा पौडवाल ने अजान के लिए लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। हजारों लोकप्रिय गीतों को अपनी आवाज देने वाली गायिका ने कहा कि भारत में इस तरह के अभ्यास की जरूरत नहीं है। अनुराधा ने कहा, "मैंने दुनिया में कई जगहों का दौरा किया है। मैंने भारत के अलावा ऐसा कहीं भी नहीं देखा है। मैं किसी धर्म के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन यहां इसे जबरन बढ़ावा दिया जा रहा है। वे मस्जिद से लाउडस्पीकर पर अज़ान बजाते हैं। अन्य समुदाय सवाल करते हैं कि अगर वे लाउडस्पीकर का उपयोग कर सकते हैं तो दूसरे ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं।"
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