सुशील मोदी ने शिक्षक नियुक्ति में डोमिसाइल हटाने के बिहार सरकार के निर्णय को वापस लेने की मांग की

Sushil Kumar Modi
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नई नियुक्ति के कारण 11000 करोड़ रूपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा में राज्य का स्थायी निवासी होने की शर्त हटाने के प्रदेश सरकार के निर्णय को ‘तुगलकी फरमान’ बताते हुये भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील मोदी ने इसे तत्काल वापस लेने की मांग की। बिहार का स्थायी निवासी होने की शर्त हटाये जाने के कैबिनेट के फैसले से अब कोई भी ‘‘भारतीय नागरिक’’इसके लिए आवेदन कर सकता है। मंगलवार को बिहार कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय किया गया था। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री रह चुके सुशील मोदी ने शिक्षक भर्ती परीक्षा में आवेदन करने वालों की अर्हता में राज्य का स्थायी निवासी होने की शर्त को हटाये जाने को ‘‘तुगलकी फरमान’’ करार दिया और इसे बिहार प्रतिभा का अपमान बताते हुए इस फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर का यह बयान हास्यास्पद है कि अंग्रेजी, गणित, भौतिकी विषय के योग्य शिक्षक नहीं मिलने के कारण प्रदेश के बाहर के अभ्यर्थियों को बुलाया जा रहा है। सुशील ने कहा कि बिहार के लड़के अखिल भारतीय सेवाओं तथा आईआईटी आदि में परचम लहरा रहे हैं, और मंत्री कह रहे हैं कि इन विषयों में लड़के नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि 15 जून के विज्ञापन में बिहार डोमिसाइल की शर्त अनिवार्य रखी गई थी, फिर अचानक उसे क्यों हटा दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि क्या कक्षा 1-5 के लिए भी बिहारी प्रतिभा पढ़ाने योग्य नहीं है कि बाहर के लोगों को बुलाया जाए। उन्होंने कहा कि अब तक 8 बार विज्ञापन में संशोधन किया जा चुका है। नई नियुक्ति के कारण 11000 करोड़ रूपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

इस कारण सरकार मुकदमे में फंसाकर परीक्षा टालने का बहाना खोज रही है। सुशील राजभवन के बाहर पत्रकारों से बात कर रहे थे, जहां वह राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर से मिलने आए थे, जिन्हें उन्होंने ‘‘हमारे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दिनों का पुराना दोस्त बताया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘यह महज संयोग है कि मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज्यपाल से मिलने के तुरंत बाद यहां आया। हो सकता है कि मुख्यमंत्री अपने कारणों से आए हों। मेरे राज्यपाल से मिलने का कोई और मतलब नहीं निकाला जाए। नीतीश के राजभवन जाने को लेकर अबतक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

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