Jammu Srinagar National Highway पर T5 Tunnel खुलने से वाहनों पर पत्थरों के गिरने का खतरा खत्म हुआ
हम आपको बता दें कि कश्मीर को देश के शेष हिस्से से जोड़ने वाले 270 किलोमीटर राजमार्ग की चार लेन की परियोजना 2011 में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा शुरू की गयी थी। टी5 एनएचएआई द्वारा जनता को समर्पित चौथी सुरंग है।
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा करने वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी यह है कि भूस्खलन की जोखिम वाले पंथ्याल खंड से गुजरने वाली टी5 सुरंग वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दी गयी है। अधिकारियों ने बताया है कि 880 मीटर लंबी सुरंग पर काम फरवरी 2020 में शुरू हुआ था। इस सुरंग का निर्माण पूरा होने से पत्थरों के गिरने का खतरा खत्म हो गया है जिससे कई लोगों की जान चली जाती थी। रामबन के उपायुक्त मुस्सरत इस्लाम ने कहा, ‘‘पंथ्याल में टी5 सुरंग को सड़क के दोनों ओर यातायात के लिए खोल दिया गया है और अब पत्थर गिरने से होने वाली बाधा के बिना वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से जारी रहेगा।’’
हम आपको बता दें कि कश्मीर को देश के शेष हिस्से से जोड़ने वाले 270 किलोमीटर राजमार्ग की चार लेन की परियोजना 2011 में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा शुरू की गयी थी। टी5 एनएचएआई द्वारा जनता को समर्पित चौथी सुरंग है जबकि कई अन्य छोटी सुरंग और पुलों का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है जो राजमार्ग के अन्य अहम स्थानों से गुजरेंगी। इससे जुलाई अंत तक इस राजमार्ग पर यात्रा करना सुगम हो जाएगा।
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दूसरी ओर, लद्दाख को कश्मीर से जोड़ने वाले जोजिला पास को सीमा सड़क संगठन के कर्मचारियों के द्वारा बर्फ हटाने का काम पूरा होने के बाद समय से पहले ही खोल दिया गया है। उल्लेखनीय है कि कड़ाके की ठण्ड के चलते सर्दियों के मौसम में जोजिला पास लम्बे समय तक बंद रहता है जिससे सैनिकों की मूलभूत आवश्कताओं को हवाई सहायता के माध्यम पूरा किया जाता है। जोजिला पास के बंद रहने से लद्दाख के कारोबारियों को भी काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है लेकिन अब जोजिला पास के खुलने के बाद ये सारी समस्याएं खत्म हो गयी हैं।
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