सरकारी विद्यालयों के शिक्षक दोपहर का भोजन छात्रों के साथ करें : मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी

Revanth Reddy
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रेड्डी ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सफलता का हवाला देते हुए कहा, ‘‘उन्हें दूसरे और तीसरे कार्यकाल के लिए मुख्य रूप से शिक्षा में लाए गए बदलावों के कारण चुना गया।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने शुक्रवार को सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों से आह्वान किया कि वे दोपहर का भोजन छात्रों के साथ करें ताकि भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।

रेड्डी ने यहां शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें दुख होता है जब सरकारी विद्यालयों में खाद्य विषाक्तता की घटनाएं होती हैं, जबकि सरकार भोजन और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं के लिए धनराशि बढ़ा रही है।

शिक्षा विभाग का भी कार्यभार संभाल रहे रेड्डी ने कहा कि वहविद्यालयों का दौरा भी करेंगे और छात्रों के साथ भोजन करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘अगर शिक्षक छात्रों के साथ भोजन करेंगे, तो इससे भोजन तैयार करने के उचित मानकों को बनाए रखने में मदद मिलेगी।’’

मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से भोजन की गुणवत्ता और अन्य सुविधाओं में सुधार की आवश्यकताओं के बारे में सरकार को सूचित करने को कहा। रेड्डी ने कहा कि उनकी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोत्तम तरीकों का अध्ययन करने के लिए प्रतिवर्ष लगभग 200 शिक्षकों को सिंगापुर और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में भेजने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा, ‘‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की वजह सेसिंगापुर और जापान जैसे देशों में विकास हुआ है।’’

रेड्डी ने कहा कि राज्य में लगभग 27,000 सरकारी विद्यालयों में 24 लाख छात्र पढ़ते हैं, जबकि 11,000 निजी विद्यालयों में 34 लाख छात्र पढ़ते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों की योग्यता आमतौर पर निजी विद्यालयों के शिक्षकों से बेहतर होती है।’’

रेड्डी ने कहा कि राज्य की नयी शिक्षा नीति तैयार करने के लिए पूर्व राज्यसभा सदस्य के केशव राव, विधायक कादियम श्रीहरि और अधिकारियों की एक समिति गठित की गई है।

रेड्डी ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सफलता का हवाला देते हुए कहा, ‘‘उन्हें दूसरे और तीसरे कार्यकाल के लिए मुख्य रूप से शिक्षा में लाए गए बदलावों के कारण चुना गया। उन्होंने शिक्षा को शिक्षकों द्वारा गरीब वर्गों तक सफलतापूर्वक पहुंचाया गया।’’

मुख्यमंत्री ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘मेरा भी कुछ स्वार्थ है। अगर आप अच्छा काम करेंगे, तो मेरे लिए दूसरे और तीसरे कार्यकाल की संभावना बन सकती है। मैं कुछ भी छिपाना नहीं चाहता। मैं कड़ी मेहनत करूंगा। मैं आपके साथ मिलकर कड़ी मेहनत करूंगा।

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