दिल्ली सरकार की नीतियों का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को लाभ पहुंचाना है: केजरीवाल

Kejriwal

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि दिल्ली सरकार की सभी योजनाओं और नीतियों का मुख्य उद्देश्य आम महिलाओं को फायदा पहुंचाना है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दिल्ली महिला आयोग द्वारा आयोजित पुरस्कार समारोह में केजरीवाल ने अपने विचार रखे।

नयी दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि दिल्ली सरकार की सभी योजनाओं और नीतियों का मुख्य उद्देश्य आम महिलाओं को फायदा पहुंचाना है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दिल्ली महिला आयोग द्वारा आयोजित पुरस्कार समारोह में केजरीवाल ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सभी योजनाओं का मुख्य उद्देश्य आम महिलाओं को फायदा पहुंचाना और उनका जीवन सरल करना है। पिछले पांच साल में दिल्ली सरकार ने जो भी नीतियां बनाई हैं उनमें हमने यह सुनिश्चित किया है कि साधारण महिलाओं को इसका लाभ मिले।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के कल्याण के लिए बनाई गई नीतियों में पानी और बिजली मुफ्त देना शामिल है।

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केजरीवाल के अनुसार, शहर में मुफ्त बिजली और पानी देने से महिलाओं को घर चलाने में सुविधा हुई है, विशेषकर तब जबकि आय नहीं बढ़ रही और चीजों के दाम बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली संभवतः देश में अकेला ऐसा स्थान है जहां 24 घंटे, सातों दिन मुफ्त बिजली उपलब्ध है और आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि दिल्ली के 73 प्रतिशत लोगों का बिजली का बिल शून्य है। जब ऐसा हुआ तो महिलाओं को सबसे ज्यादा खुशी हुई।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इससे उन्हें घर चलाने में अधिक सुविधा हुई। वह हर महीने एक हजार, पंद्रह सौ, दो हजार रुपये की बचत करने में कामयाब रहीं। इसी प्रकार, जब हमने पानी मुफ्त कर दिया तब दिल्ली की सामान्य गृहिणी सबसे ज्यादा खुश थी।’’

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उन्होंने कहा कि बस के किराए में महिलाओं को छूट देने की दिल्ली सरकार की पहल ने गरीब तबके की छात्राओं को विशेष रूप से सशक्त किया। केजरीवाल ने कहा, ‘‘जब हमने महिलाओं के लिए बसों में मुफ्त यात्रा का प्रावधान किया तो इसे छात्राओं, खास कर झुग्गियों की बच्चियों को कॉलेज आने-जाने में काफी फायदा हुआ क्योंकि उनके पिता बस का किराया वहन नहीं कर सकते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कई महिलाएं हैं जो फल-सब्जियां बेचने बसों से आती-जाती हैं। जब हमने बसों में मुफ्त में उनकी यात्रा का प्रावधान किया तो उन्हें आने-जाने में और सुविधा हुई।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘दिल्ली में 1.5-दो लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जिससे शहर के बड़े हिस्से पर नजर रखी जाती है और हम चौक-चौराहे को भी इसमें शामिल कर रहे हैं। मुझे लगता है कि जल्द ही दिल्ली देश के उन जगहों में शामिल होगी जहां सीसीटीवी कैमरे का बड़ा नेटवर्क होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो साल में शहर में तीन लाख स्ट्रीट लाइटें लगायी गयी हैं तथा लाइट लगाने के लिए लगातार अंधेरे वाले स्थानों की पहचान कर रहे हैं ताकि महिलाएं हर जगह सुरक्षित महसूस कर सकें। ’’

कार्यक्रम के दौरान केजरीवाल ने पिछले पांच साल में परेशानी का सामना कर रही महिलाओं की मदद के लिए दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवल की भी सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘पांच-छह साल पहले लोगों को किसी भी महिला आयोग के बारे पता भी नहीं था चाहे डीसीडब्ल्यू हो या राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) या किसी अन्य राज्य के आयोग। आज एनसीडब्ल्यू के बावजूद देश में हर कोई डीसीडब्ल्यू को जानता है।’’

देश में महिला सशक्तिकरण के लिए योगदान देने वाले कई लोगों को सम्मानित भी किया गया। इनमें बठिंडा की 80 वर्षीय दादी मोहिंदर कौर भी थीं जो कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन में सक्रियता से हिस्सा ले रही हैं। इसके अलावा 85 वर्षीया मार्शल आर्ट प्रशिक्षक शांता बालू पवार और सीआरपीएफ की निरीक्षक सीमा नागर भी थीं। दिल्ली पुलिस की हेड कांस्टेबल सीमा ढाका, इसरो की वैज्ञानिक वनिता एम, कल्पना के, कल्पना अरविंद, भारतीय वायु सेना की अधिकारी अंजलि, शिखा पांडे, उवेना फर्नाडीस, कीर्ति और शिप्रा दास समेत अन्य लोग थे।

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