न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम पर फिर से विचार के लिए शीघ्र होगी कॉलेजियम की बैठक
![The meeting of the collegium will be prompt for the consideration of Justice Joseph The meeting of the collegium will be prompt for the consideration of Justice Joseph](https://images.prabhasakshi.com/2018/4/_650x_2018042910422711.jpg)
न्यायमूर्ति जोसेफ ने उस पीठ की अगुवाई की थी जिसने वर्ष 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले को खारिज कर दिया था।
नयी दिल्ली। समझा जाता है कि प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की उच्चतम न्यायलय के न्यायाधीश के रुप में प्रोन्नति के लिए उनके नाम पर फिर से विचार करने के मकसद से शीघ्र ही कॉलेजियम की बैठक बुलाने का फैसला किया है। सरकार ने शुक्रवार को संबंधित फाइल कॉलेजियम को लौटा दी थी जिसने दस जनवरी को न्यायमूर्ति जोसेफ का नाम उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रुप में प्रोन्नति के लिए सिफारिश की थी। उच्चतम न्यायालय के एक अधिकारी ने बताया कि अब कॉलेजियम की बैठक होनर स्वभाविक है और यह यथाशीघ्र बुलायी जाएगी। बहरहाल, अब सवाल कॉलेजियम के पांचों न्यायाधीशों की उपलब्धता का है क्योंकि कॉलेजियम के सदस्य न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर चिकित्सा कारणों से 26-27 अप्रैल को काम पर नहीं आए थे।
अधिकारी ने बताया कि यदि कोरम पूरा रहता है तो कॉलेजियम की बैठक तत्काल बुलायी जाएगी। न्यायमूर्ति जोसेफ ने उस पीठ की अगुवाई की थी जिसने वर्ष 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले को खारिज कर दिया था। तब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। सरकार ने न्यायमूर्ति जोसेफ की प्रोन्नति संबंधी कॉलेजियम की सिफारिश उसके पास पुनर्विचार के लिए लौटा दी। उसने कहा कि यह प्रस्ताव शीर्ष अदालत के मापदंड के अनुरुप नहीं है और उच्चतम न्यायालय में केरल का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है, न्यायमूर्ति जोसेफ केरल से आते हैं। न्यायमूर्ति जोसेफ जुलाई , 2014 से उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं। वह इस साल जून में 60 साल के हो जाएंगे। उन्हें 14 अक्तूबर, 2004 को केरल उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और उन्होंने 31 जुलाई, 2014 को उत्तराखंड उच्च न्यायलय का प्रभार संभाला था। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति मिश्रा, न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति बी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ के कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति के एम जोसेफ के नाम की सिफारिश उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर की थी।
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