श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति 29 नवम्बर को भारत की यात्रा पर आयेंगे: जयशंकर
राष्ट्रपति राजपक्षे के मंगलवार को पदभार संभालने के कुछ घंटे बाद हुई इस बैठक के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के साथ गर्मजोशी के साथ मुलाकात हुई।
कोलंबो। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि श्रीलंका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर 29 नवम्बर को भारत की यात्रा पर आयेंगे। देश के नये राष्ट्रपति के रूप में सोमवार को शपथ लेने वाले राजपक्षे के साथ बैठक के बाद जयशंकर ने यह घोषणा की।
External Affairs Minister Dr S Jaishankar congratulates newly elected President of Sri Lanka, Gotabhaya Rajapaksa. The Sri Lankan President has accepted Prime Minister Narendra Modi's invitation to visit India on 29th November. pic.twitter.com/Wrsa0bqImg
— ANI (@ANI) November 19, 2019
राष्ट्रपति राजपक्षे के मंगलवार को पदभार संभालने के कुछ घंटे बाद हुई इस बैठक के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के साथ गर्मजोशी के साथ मुलाकात हुई। साझा शांति, प्रगति, समृद्धि और सुरक्षा के लिए साझेदारी संबंधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदेश से उन्हें अवगत कराया गया। भारत और श्रीलंका के बीच संबंध नई ऊंचाइयों तक पहुंचेंगे।’’ दो दिन की यात्रा पर यहां पहुंचे जयशंकर ने कहा कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने 29 नवम्बर को भारत आने के प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।
राजपक्षे ने श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनावों में जीत दर्ज की है। मोदी ने रविवार को राजपक्षे को चुनाव में मिली जीत पर टेलीफोन पर उन्हें बधाई दी थी और विदेश की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के रूप में भारत की यात्रा करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया था। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि श्रीलंकाई नेता ने उनकी शुभकामनाओं के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया था और विकास तथा सुरक्षा सुनिश्चित करने के वास्ते भारत के साथ मिलकर काम करने की तत्परता जाहिर की थी। राजपक्षे पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई हैं। वह 1992 में अमेरिका जाने से पहले श्रीलंकाई सेना में एक कर्नल थे। वह तब तक उत्तर में लिट्टे के खिलाफ लड़ाई के मैदान में थे। वर्ष 2005 में बड़े भाई महिंदा राजपक्षे को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर वह श्रीलंका लौट आए थे।
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