Delhi Bomb Threat Case : दहशत फैलाना, सार्वजनिक व्यवस्था बिगाड़ना था ईमेल भेजने का मकसद

Delhi Bomb Threat Case
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ANI

सूत्र ने कहा कि ये ईमेल स्पष्ट रूप से बड़े पैमाने पर दहशत पैदा करने और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने के षड्यंत्रकारी इरादे से भेजे गए थे। भारतीय दंड संहिता की धारा 505, 507 और 120 (बी) के तहत विशेष प्रकोष्ठ थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

नयी दिल्ली। दिल्ली के 100 से अधिक स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी संबंधी ईमेल भेजने का मकसद “बड़े पैमाने पर दहशत पैदा करना और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना था।” दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज प्राथमिकी में यह दावा किया गया है। प्राथमिकी तक पहुंच रखने वाले आधिकारिक सूत्र के अनुसार बुधवार को सुबह 5:47 बजे से अपराह्न 2:13 बजे के बीच कई स्कूलों की तरफ से, बम धमकी मिलने के बारे में कम से कम 125 कॉल आईँ। 

सूत्र ने कहा कि कॉल आने के बाद पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) वाहन स्कूल पहुंचे और जिला पुलिस, बम निरोधक दस्ता (बीडीएस), एमएसी, विशेष प्रकोष्ठ और अपराध नियंत्रण कक्ष, डीडीएमएस, एनडीआरएफ, ‘फायर कैट्स’ व अन्य एजेंसियों को सतर्क किया गया। सूत्र के अनुसार प्राथमिकी में कहा गया है कि स्कूलों की ओर इन इकाइयों की आवाजाही के कारण “काफी असुविधा हुई।” उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने एक व्यापक अभ्यास के तहत स्कूलों को खाली कराया और पूरे शहर में जांच-पड़ताल की। 

सूत्र ने कहा कि ये ईमेल स्पष्ट रूप से बड़े पैमाने पर दहशत पैदा करने और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने के षड्यंत्रकारी इरादे से भेजे गए थे। भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (अफवाह फैलाना), 507 (गुमनाम संचार के माध्यम से आपराधिक धमकी) और 120 (बी) (आपराधिक षड़यंत्र के लिए सजा) के तहत विशेष प्रकोष्ठ थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। 

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दिल्ली-एनसीआर के लगभग 200 स्कूलों को बुधवार को एक समान धमकी भरा ई-मेल मिला, जिसमें दावा किया गया था कि उनके परिसर में विस्फोटक लगा दिए गए हैं। इसके बाद बड़े पैमाने पर स्कूलों को खाली कराया गया और तलाशी ली गई जबकि घबराए हुए अभिभावक अपने बच्चों को लेने के लिए स्कूल पहुंच गए। अधिकारियों के तलाशी लेने के दौरान कुछ नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने इसे एक अफवाह घोषित किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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