कोरोना की दूसरी लहर भी नहीं रोक सका विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का काम, अगस्त तक प्रोजेक्ट होगा पूरा

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बनारस ही नहीं पूरा देश कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहा है। लेकिन बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी में काशी के कायाकल्प का काम थमा नहीं है। यहां बन रहे विश्वनाथ धाम का काम उसी रफ़्तार के साथ चल रहा है। यहां 650 मजदूर दो शिफ्टों में दिन-रात काम कर रहे हैं

काशी विश्वनाथ धाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यहां मणिमाला के मंदिरों के ऐतिहासिक दस्तावेज भी दुनिया के सामने पेश करने की तैयारी है। इन दस्तावेजों को तैयार करने के लिए पुरातत्व विभाग (एएसआई) भोपाल की तीन सदस्यीय टीम ने काम शुरू कर दिया है। बनारस ही नहीं पूरा देश कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहा है। लेकिन बाबा भोलेनाथ की नगरी काशी में काशी के कायाकल्प का काम थमा नहीं है। यहां बन रहे विश्वनाथ धाम का काम उसी रफ़्तार के साथ चल रहा है। यहां 650 मजदूर दो शिफ्टों में दिन-रात काम कर रहे हैं। ऐसा इसलिए कि इसी साल अगस्त तक काम पूरा करने का टारगेट है।

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काशी विश्वनाथ धाम का स्वरूप अब धीरे-धीरे आकार ले रहा है। मंदिर के चौक का काम प्रगति पर है। गुलाबी पत्थरों की नक्काशीदार खूबसूरती उभरकर सामने आ रही है।धाम क्षेत्र की इमारतों की दीवारों पर अब बालेश्वर के पत्थर सजने लगे हैं। जो देखते बन रहा है। साथ ही काशी विश्वनाथ धाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। यहां मणिमाला के मंदिरों के ऐतिहासिक दस्तावेज भी दुनिया के सामने पेश करने की तैयारी है। इन दस्तावेजों को तैयार करने के लिए पुरातत्व विभाग (एएसआई) भोपाल की तीन सदस्यीय टीम ने काम शुरू कर दिया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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