कुलगाम में मुठभेड़ में तीन आतंकवादी ढेर, सात नागरिकों की भी मौत

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[email protected] । Oct 22 2018 10:46AM

सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों से बार-बार समर्पण करने को कहा, लेकिन आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद हुई मुठभेड़ में जैश ए मोहम्मद के तीन आतंकवादी मारे गए।

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के कुलगाम जिले में रविवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में जैश ए मोहम्मद के तीन आतंकवादी मारे गए और इसके बाद वहां आतंकियों की विस्फोटक सामग्री में हुए धमाके में सात नागरिकों की मौत हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर में कुलगाम जिले के लारू गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में सूचना मिलने के बाद वहां घेरा डाला और तलाश अभियान शुरू किया था।

सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों से बार-बार समर्पण करने को कहा, लेकिन आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद हुई मुठभेड़ में जैश ए मोहम्मद के तीन आतंकवादी मारे गए। पुलिस सूत्रों के अनुसार इसके बाद सुरक्षाबल जब चीजों को वहां से हटा रहे थे तो मुठभेड़ स्थल को घेरकर खड़ी भीड़ ने उन पर भीषण पथराव शुरू कर दिया। इसके चलते सुरक्षाबल वहां से आंशिक रूप से हटे तो भीड़ मारे गए आतंकवादियों के बचे हथियारों और गोला-बारूद को एकत्र करने के लिए वहां पहुंच गई। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं के दौरान लोग आतंकवादियों के हथियारों और गोला-बारूद को एकत्र कर बाद में आतंकी समूहों को पहुंचा देते हैं।

पुलिस ने कहा कि भीड़ मुठभेड़ स्थल पर पहुंची तो आतंकवादियों के बचे हुए गोला-बारूद और ग्रेनेडों में विस्फोट हो गया जिससे एक आदमी की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां पांच घायलों की मौत हो गई। इसने बताया कि एक और अज्ञात शव है जो इतनी बुरी तरह जल गया है कि उसकी पहचान मुश्किल है। शव पर अभी तक किसी ने दावा नहीं किया है। यह घटना केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के मंगलवार को होने वाले कश्मीर दौरे से पहले हुई है।

मारे गए आतंकवादियों की पहचान शोपियां निवासी शाब्दिल अहमद तांत्रय, जो जुलाई 2018 में आतंकवाद से जुड़ा था, कुलगाम निवासी जुबैर अहमद (मई में आतंकवाद से जुड़ा) और बिजबेहरा निवासी याजिल अहमद मुखरू के रूप में हुई है जो इस साल जून में आतंकवाद से जुड़ा था। जम्मू कश्मीर पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘अभियान के तुरंत बाद आम लोग मुठभेड़ स्थल पर पहुंच गए। उनसे बार-बार वहां न जाने को कहा गया क्योंकि विस्फोटकों की गहन तलाश जारी थी। उन्होंने बात नहीं मानी और स्थल पर पहुंच गए। कुछ विस्फोटक सामग्री फट गई जिसका परिणाम आम लोगों के हताहत होने के रूप में निकला।’’ 

आज की घटना इस साल एक अप्रैल को हुई उस घटना की याद दिलाती है जब शोपियां जिले में तीन सैन्यकर्मी, चार आम लोग और चार आतंकवादी मारे गए थे। राज्यपाल के सलाहकार के विजय कुमार और पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने मुठभेड़ स्थल पर आम लोगों के मारे जाने पर दुख व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं। उन्होंने कहा कि आम लोगों को ऐसी जगहों पर नहीं जाना चाहिए।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कुलगाम के लारू गांव में आम लोगों के मारे जाने पर शोक व्यक्त किया और मृत लोगों की आत्मा की शांति तथा घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘‘कुलगाम में हुई घटना से अत्यंत दुखी हूं, जहां आम लोग एक बार फिर हिंसा का निशाना बन गए जिससे पहले से ही अशांत स्थिति और खराब हो सकती है। इस घटना की निन्दा करने और घटना पर शोक व्यक्त करने के लिए कोई भी शब्द कम है।’’ 

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