मप्र के सतपुड़ा अभयारण्य में बाघ की मौत, आपसी लड़ाई का संदेह

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एसटीआर की उप निदेशक ऋषिभा सिंह नेताम ने कहा कि वनकर्मियों और पशु चिकित्सकों द्वारा घटनास्थल के निरीक्षण के दौरान, अवैध शिकार का कोई संकेत नहीं मिला और बाघ के शरीर के सभी अंग सही सलामत थे।

मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले के सतपुड़ा बाघ अभयारण्य (एसटीआर) में एक बाघ मृत पाया गया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी और संदेह जताया है कि आपसी द्वंद्व में यह घटना हुई होगी।

एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि 11 से 12 साल के बाघ टी-66 को मंगलवार को एक गश्ती दल ने अभयारण्य के लगदा बीट में मृत पाया, जिसके बाद उन्होंने उच्च अधिकारियों को मामले की सूचना दी।

एसटीआर की उप निदेशक ऋषिभा सिंह नेताम ने कहा कि वनकर्मियों और पशु चिकित्सकों द्वारा घटनास्थल के निरीक्षण के दौरान, अवैध शिकार का कोई संकेत नहीं मिला और बाघ के शरीर के सभी अंग सही सलामत थे।

अधिकारी ने कहा, मौत का कारण प्रथम दृष्टया इलाके में किसी अन्य बाघ के साथ लड़ाई होना प्रतीत होता है। अधिकारी ने बताया कि फॉरेंसिक जांच के लिए प्रोटोकॉल के अनुसार तेंदुए के विसरा को सील कर दिया गया है।

नेताम ने बताया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम के बाद नियमानुसार शव का निस्तारण कर दिया गया। मध्यप्रदेश में नौ टाइगर रिजर्व हैं, जिनमें कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा, पेंच और पन्ना शामिल हैं। एनटीसीए और भारतीय वन्यजीव संस्थान (नवीनतम जनगणना) के अनुसार मध्यप्रदेश देश में सबसे अधिक 785 बाघों का घर है। इसके बाद कर्नाटक (563) और उत्तराखंड (560) का स्थान है।

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