उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश से 47 लोगों की मौत, रानीखेत-अल्मोड़ा के बेहद बुरे हालात

Uttarakhand
रेनू तिवारी । Oct 20 2021 10:55AM

उत्तराखंड के रानीखेत -अल्मोड़ा जैसे मैदानी इलाकों से भी संपर्क कट गया बै। से कटे हुए हैं। पहाड़ी राज्य बाढ़, भूस्खलन और अन्य आपदाओं से जूझ रहा है, चार दिनों की भारी वर्षा से उत्पन्न हुई है। रानीखेत में बहुत कोई ईंधन उपलब्ध नहीं है, जो बचा है उसे आपातकालीन सेवाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया है।

देहरादून/नैनीताल। उत्तराखंड में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 47 हो गई, जबकि पांच लोग अभी भी लापता हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बारिश से संबंधित घटना में मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये और घर गंवाने वालों को 1.9 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। 

उत्तराखंड के रानीखेत और अल्मोड़ा जैसे मैदानी इलाकों से भी संपर्क कट गया बै।  से कटे हुए हैं। पहाड़ी राज्य बाढ़, भूस्खलन और अन्य आपदाओं से जूझ रहा है, जो चार दिनों की भारी वर्षा से उत्पन्न हुई है। रानीखेत (देहरादून से लगभग 320 किमी) में बहुत कोई ईंधन उपलब्ध नहीं है, जो बचा है उसे आपातकालीन सेवाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया है। 24 घंटे के बाद लो-वोल्टेज बिजली बहाल कर दी गई है, और कई स्थानों पर फाइबर ऑप्टिक केबल को (टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं प्रदान करना) काट दिया गया है।समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि अल्मोड़ा (देहरादून से लगभग 345 किलोमीटर) में कल सात लोगों की मौत हो गई।

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कुमाऊं क्षेत्र में 42 और लोगों की मौत के साथ ही आपदा के कारण मरने वालों की संख्या 47 हो गई है क्योंकि पांच लोगों की मौत सोमवार को हुई थी। डीआईजी निलेश आनंद भारने ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘कुमाऊं क्षेत्र में मरने वालों की संख्या 40 से अधिक हो गई है।’’ अधिकारी ने बताया कि इन 42 मौतों में से 28 लोग नैनीताल जिले में मारे गए, छह-छह लोगों की मौत अल्मोड़ा एवं चंपावत जिलों में, एक-एक व्यक्ति की मौत पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर जिले में हुई है।

मुख्यमंत्री धामी ने वर्षा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और प्रभावित लोगों से बातचीत किया ताकि क्षति का आकलन किया जा सके। उन्होंने राज्य में पिछले दो दिनों में वर्षाजनित घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजन को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर धामी से बात की और स्थिति का जायजा लिया तथा हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ कुमाऊं क्षेत्र में वर्षा प्रभावित इलाकों का दौरा करने गए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि नैनीताल के काठगोदाम और लालकुआं तथा ऊधम सिंह नगर के रुद्रपुर में सड़कों, पुलों और रेल पटरियों को नुकसान पहुंचा हैं।

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कुमार ने कहा कि क्षतिग्रस्त पटरियों को ठीक करने में कम से कम चार-पांच दिन लगेंगे। डीआईजी भारने ने कहा कि खराब मौसम और लगातार बारिश के बावजूद नैनीताल में बंद सड़कों को खोल दिया गया है, मलबे हटा दिए गए हैं और पर्यटक स्थल का संपर्क बहाल कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि फंसे हुए पर्यटक कालाधुंगी ओर हलद्वानी के रास्ते अपने स्थानों के लिए रवाना हो रहे हैं। धामी ने कहा कि भारतीय वायु सेना के तीन हेलीकॉप्टर राज्य में पहुंच गए हैं और राहत तथा बचाव कार्यों में मदद कर रहे हैं। दो हेलीकॉप्टर नैनीताल जिले में तैनात किए गए हैं जबकि तीसरा हेलीकॉप्टर गढ़वाल क्षेत्र में बचाव अभियान में शामिल है।

मुख्यमंत्री ने राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार के साथ बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। धामी ने कहा कि व्यापक क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने पर ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने लोगों से नहीं घबराने की अपील करते हुए कहा कि लोगों की जान बचाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने मंगलवार शाम से मौसम में सुधार होने की बात कही है।

उन्होंने चारधाम यात्रियों से फिर अपील की कि वे जहां हैं, वहीं रुक जाएं और मौसम में सुधार होने से पहले अपनी यात्रा शुरू नहीं करें। उन्होंने चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के जिलाधिकारियों से चारधाम यात्रा मार्ग पर फंसे हुए तीर्थयात्रियों की खासतौर से देखभाल करने का निर्देश दिया। इस बीच, एसईओसी ने कहा कि राज्य की अधिकतर नदियां उफान पर हैं और हरिद्वार में गंगा का जलस्तर 293.90 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 294 मीटर से मामूली नीचे है। एसईओसी ने बताया कि नैनीताल में 90 मिलीमीटर, हल्द्ववानी में 128 मिमी, कोश्याकुटोली में 86.6 मिमी, अल्मोड़ा में 216.6 मिमी, द्वाराहाट में 184 मिमी और जागेश्वर में 176 मिमी बारिश हुई।

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