कश्मीर में पर्यटन के क्षेत्र को हुआ खासा नुकसान, पिछले 10 साल में सबसे कम टूरिस्ट पिछले साल आए

Kashmir
अभिनय आकाश । Aug 5 2020 2:48PM

जम्मू-कश्मीर के टूरिज्म डिपार्टमेंट से मिले डेटा के मुताबिक, 2019 में सालभर में 5 लाख से भी टूरिस्ट आए थे। इनमें से भी 4.56 लाख टूरिस्ट जनवरी से जुलाई के बीच ही आ गए थे। यानी, पिछले साल जम्मू-कश्मीर में जितने टूरिस्ट आए थे, उनमें से 91% से ज्यादा टूरिस्ट जनवरी से जुलाई में आए थे।

अनुच्छेद 370 हटाए जाने और दो केंद्र शासित प्रदेश में बांटे जाने के एक साल बाद कितने बदले जम्मू कश्मीर और लद्दाख के हालात इस पर विचार और विमर्श का दौर जारी है। 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को सरकार ने वापस ले लिया। सरकार के इस फैसले ने जम्मू कश्मीर के इतिहास के साथ-साथ इसके भूगोल को भी बदल कर रख दिया। सरकार के इस फैसले के एक साल में जम्मू कश्मीर के पर्यटन के क्षेत्र को कितना नुकसान हुआ इस रिपोर्ट में बताने की कोशिश करेंगे। 

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अगस्त से दिसंबर में सबसे कम टूरिस्ट आए

जम्मू-कश्मीर के टूरिज्म डिपार्टमेंट से मिले डेटा के मुताबिक, 2019 में सालभर में 5 लाख से भी टूरिस्ट आए थे। इनमें से भी 4.56 लाख टूरिस्ट जनवरी से जुलाई के बीच ही आ गए थे। यानी, पिछले साल जम्मू-कश्मीर में जितने टूरिस्ट आए थे, उनमें से 91% से ज्यादा टूरिस्ट जनवरी से जुलाई में आए थे। जबकि, अगस्त से दिसंबर के बीच सिर्फ 43 हजार 59 टूरिस्ट ही आए थे। हालांकि कोरोना काल में बंद पड़ी आर्थिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने की कवायद के बाद जम्मू कश्मीर जल्द ही पर्यटकों से दोबारा गुलजार होगा ऐसी उम्मीद जताई जा रही है। सरकार ने प्रदेश में पर्यटन को खोलने के लिए आदेश जारी किए हैं और इस बाबत जम्मू कश्मीर पहुंचने वाले पर्यटकों को कई दिशा-निर्देश भी अपनाने होंगे। कश्मीर में टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के मुताबिक, फिलहाल अगले कई महीनों तक टूरिस्टों की शक्ल देखना संभव नहीं होगा क्योंकि कश्मीर में कोरोना कहर बरपा रहा है। इस कारण पहले ही अमरनाथ यात्रा को टाला जा चुका है तो जम्मू संभाग में हर साल जुलाई-अगस्त में होने वाली करीब दो दर्जन धार्मिक यात्राओं पर पाबंदी लगाई जा चुकी है। एक अनुमान के अनुसार, सिर्फ कश्मीर में टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े 75 हजार से अधिक लोग बेरोजगार हो चुके हैं। जम्मू संभाग का आंकड़ा फिलहाल उपलब्ध नहीं है। जम्मू संभाग में धार्मिक स्थलों से जुड़े करीब 50 हजार लोगों को रोजी रोजी का संकट मुंह बाय खड़ा है। बता दें कि टूरिज्म से राज्य को हर साल करोड़ों की कमाई होती है। जम्मू-कश्मीर की कुल जीडीपी का 8% हिस्सा टूरिज्म से ही आता है।

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1.5 लाख नौकरियां गईं, 10 हजार करोड़ का नुकसान हुआ

अनुच्छेद 370 हटने के बाद 5 अगस्त से लेकर 3 दिसंबर 2019 के बीच कश्मीर घाटी को कितना नुकसान हुआ? इसको लेकर पिछले साल कश्मीर चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 5 अगस्त से 3 दिसंबर के बीच 120 दिनों में घाटी को 17 हजार 878 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।

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