अल्पसंख्यकों के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल होगा तीन तलाक अध्यादेश: अखिलेश

हालांकि यह अध्यादेश अल्पसंख्यकों के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल होगा। हम ऐसे कानून का समर्थन करेंगे जो न्यायमूर्ति सच्चर की रिपोर्ट को लागू करता हो।
लखनऊ। तीन तलाक अध्यादेश को मंजूरी देने के लिए केन्द्र की भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि यह अल्पसंख्यकों के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल होगा। अखिलेश ने कहा कि सामाजिक परिवर्तन बलपूर्वक नहीं हासिल हो सकता। महिला सशक्तीकरण के नाम पर अध्यादेश की बात कही जा रही है।
अध्यादेश के माध्यम से गहरा सामाजिक परिवर्तन असम्भव है। लेकिन विश्वविद्यालयों से ले कर संसद तक अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ क़ानून को हथियार बनाया जा रहा है। सम्मान की राजनीति ही देश को प्रगतिशील बना सकती है।#TeenTalaq
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 20, 2019
हालांकि यह अध्यादेश अल्पसंख्यकों के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल होगा। हम ऐसे कानून का समर्थन करेंगे जो न्यायमूर्ति सच्चर की रिपोर्ट को लागू करता हो। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को तीन तलाक का अध्यादेश पुन: जारी करने को मंजूरी दी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द द्वारा हस्ताक्षरित होने के बाद तीन तलाक अध्यादेश साल भर से कम अवधि में तीसरी बार लागू होगा।
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सितंबर 2018 में जारी पूर्व के अध्यादेश की जगह लाये गये विधेयक को लोकसभा ने पारित कर दिया था। यह विधेयक राज्यसभा में लंबित है। विधेयक को चूंकि संसद की मंजूरी नहीं मिल सकी, इसलिए नये सिरे से अध्यादेश लागू करना पड़ा।
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