अल कायदा से सहानुभूति रखने वाले दो और लोग गिरफ्तार

दक्षिण भारत में इस साल अप्रैल से अदालत परिसरों के बाहर हुए विस्फोटों की अपनी जांच आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक समूह द्वारा बम विस्फोट करने की साजिश में कथित रूप से शामिल होने को लेकर और दो व्यक्तियों को आज गिरफ्तार किया। इस समूह की अल कायदा के प्रति सहानुभूति थी। आज की गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले में गिरफ्तार व्यक्तियों की संख्या बढ़कर पांच हो गयी है। तमिलनाडु और तेलंगाना की पुलिस बलों के साथ मिलकर एनआईए ने केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में अदालत परिसरों के बाहर पांच बम धमाकों के मामलों में सोमवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।
एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि आज जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई उनमें एक मोहम्मद अयूब अली है, उसे सोमवार रात हिरासत में लिया गया था। मदुरै निवासी अली को आज गिरफ्तार कर लिया गया। वह एक हियरिंग एड उपकरण कंपनी में जनसंपर्क अधिकारी के रूप में काम करता है। दूसरे व्यक्ति का नाम शम्सुद्दीन है। अन्य गिरफ्तार व्यक्तियों की एनआईए पूछताछ के दौरान उसका नाम सामने आया था। वह भी मदुरै का रहने वाला है।
आंध्र प्रदेश में सात अप्रैल को चित्तूर में जिला अदालत परिसर में पार्किंग स्थल पर एक वाहन में बम धमाका हुआ। केरल में 15 जून को कोल्लाम में सीजेएम अदालत पसिर के पार्किंग स्थल पर बम विस्फोट हुआ था। आंध्र प्रदेश में एक अग्रस्त को मैसुरू में अदालत परिसर में और 12 सितंबर को नेल्लोर में बम फटे थे। इसी तरह एक नवंबर को केरल में मलाप्पुरम के न्यायिक अदालत के शौचालय में बम धमाका हुआ था। एनआईए ने इन विस्फोटों के मामले में अब्बास अली, सुलेमान और शम्सुम करीम राजा को गिरफ्तार किया था। तीनों तमिलनाडु के रहने वाले हैं।
एनआईए प्रवक्ता ने दावा किया था कि ‘लगातार पूछताछ के दौरान आरोपियों ने इन विस्फोटों में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली थी।’ बीच में स्कूल की पढ़ाई छोड़ चुका अली पेंटर के तौर पर काम कर रहा था और वह मदुरै में ‘दारूल इल्म’ नाम से एक पुस्तकालय भी चलाता था। राजा वाणिज्य स्नातक है और वह मदुरै में कन्नीमारा कोइल मार्ग पर दुकान चलाता है। सुलेमान सॉफ्टवेयर कंपनी में काम कर रहा था। वह इस आतंकी समूह का मुख्य नेता था जो ओसामा बिन लादेन की विचारधारा से प्रभावित था। इस समूह ने इन विस्फोटों की जिम्मेदारी ली थी और ‘बेस मूवमेंट’ के नाम से पर्चे, पेन ड्राइव और सीडियां भी वितरित की थी। ‘बेस मूवमेंट’ अल कायदा का अनुवाद है।
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