Naxalite-Maoist Insurgency | झारखंड के पलामू में माओवादी मुठभेड़, दो जांबाज जवान शहीद और एक गंभीर रूप से घायल

पलामू जिले में टीएसपीसी कमांडर शशिकांत गंझू के माओवादी समूह से हुई मुठभेड़ में दो सुरक्षाकर्मियों की शहादत ने झारखंड में नक्सलवाद के गंभीर खतरे को उजागर किया है। यह घटना माओवादी जबरन वसूली और हिंसक गतिविधियों के खिलाफ चल रहे सुरक्षा अभियानों की जटिलता दर्शाती है।
झारखंड के पलामू जिले में प्रतिबंधित तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति समिति (टीएसपीसी) के माओवादियों के साथ भीषण मुठभेड़ में दो पुलिस जवान शहीद हो गए और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि मनातू पुलिस थाना क्षेत्र के केदल इलाके में बुधवार देर रात करीब साढ़े 12 बजे सुरक्षाबलों और प्रतिबंधित तृतीया सम्मेलन प्रस्तुति समिति (टीएसपीसी) के सदस्यों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गयी।
पलामू के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) नौशाद आलम ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मुठभेड़ में दो सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई और एक जवान घायल हो गया। घायल जवान को मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है।’’
इसे भी पढ़ें: ट्रंप प्रशासन ने उच्चतम न्यायालय से शुल्क मामले में शीघ्र निर्णय देने का अनुरोध किया
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि केदल गांव में टीएसपीसी कमांडर शशिकांत गंझू और उसके दल की मौजूदगी की सूचना के आधार पर अभियान शुरू किया गया। उन्होंने बताया, ‘‘जैसे ही सुरक्षा दल मौके पर पहुंचा, टीएसपीसी सदस्यों ने उस पर गोलीबारी शुरू कर दी। मुठभेड़ में तीन सुरक्षाकर्मी गोली लगने से घायल हो गए। उन्हें तुरंत मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उनमें से दो को मृत घोषित कर दिया और घायल पुलिसकर्मी का इलाज किया जा रहा है।
इसे भी पढ़ें: फडणवीस बृहस्पतिवार को नागपुर में ओबीसी प्रदर्शनकारियों से मिलेंगे
सपीसी का गढ़ माना जाता रहा है, जहाँ शशिकांत गंझू पलामू और चतरा जिलों में संगठन की गतिविधियों का नेतृत्व करता रहा है।सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि गंझू इस क्षेत्र में माओवादी जबरन वसूली और हिंसक गतिविधियों के पीछे मुख्य व्यक्ति बना हुआ है। मुठभेड़ के बाद, सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया और माओवादियों को बेअसर करने के लिए आसपास के गाँवों की घेराबंदी कर दी। शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए, एसपी रमेशन ने कहा, "उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। पुलिस क्षेत्र से उग्रवादी तत्वों का सफाया करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।" उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि घायल जवानों के इलाज के लिए हर संभव व्यवस्था की जा रही है।
अन्य न्यूज़












